Nov 3, 2024

ताकत के लिए ये वाला चावल खाते हैं आदिवासी, बूढ़े और बीमार भी चलने लगते हैं घोड़े की चाल

Suneet Singh

चावल

चावल हम हिंदुस्तानियों के भोजन का जरूरी हिस्सा है। हमारे देश में चावल की खपत भी खूब होती है।

Credit: facebook

भारत में चावल की कई किस्में उगाई और काई जाती हैं। चावल को हम एक्सपोर्ट भी करते हैं।

Credit: facebook

आदिवासी समाज का चावल

झारखंड के कुछ आदिवासी समुदाय एक खास किस्म का चावल खाते हैं। यह चावल उन्हें ताकत देता है।

Credit: facebook

घोड़ा चावल

ये आदिवासी दशकों से पारंपरिक तरीके से यह चावल उगा और खा रहे हैं। इस चावल का नाम है घोड़ा चावल।

Credit: facebook

कैसे पड़ा नाम

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वहां के आदिवासियों का कहना है कि इस चावल से इतनी ताकत मिलती है कि बीमार भी घोड़े की चाल चलने लगते हैं।

Credit: facebook

इसी कारण से इन आदिवासियों के पुरखों ने इस चावल का नाम घोड़ा चावल रखा था।

Credit: facebook

टॉनिक है मांड़

इस चावल का माड़ भी किसी टॉनिक से कम नहीं है। यह पौष्टिकता में अच्छे से अच्छे सूप को भी फेल कर देता है।

Credit: facebook

खूब मांड़ पीते हैं आदिवासी

झारखंड के आदिवास घोड़ा चावल के माड़ में लेमन ग्रास, काली मिर्च, काला नमक और थोड़ा लाल मिर्च डालकर पीते हैं।

Credit: facebook

रामबाण है माड़

सर्दियों में तो घोड़ा चावल का माड़ किसी रामबाण की तरह है। यह शरीर में इतनी गर्मी भर देता है कि बीमारियां दूर ही रहती हैं।

Credit: facebook

Thanks For Reading!

Next: पाना है ऊंचा मुकाम तो याद कर लें स्वामी विवेकानंद की ये बातें, जीवन में सफलता की है गारंटी

Find out More