किशोर जोशी
Dec 20, 2022
तवांग सीमा पर चीनी सैनिकों के जारी तनाव के बीच भारतीय सेना ने अब ड्रैगन को जोर का झटका देने की तैयारी कर ली है।
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'भारत के नेपोलियन' कहे जाने वाले जनरल जोरावर सिंह के नाम पर इसका नाम जोरावर पड़ा है।
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जनरल जोरावर सिंह ऊंचाई की लड़ाई के महारथी थे और उनके नाम सुन विपक्षी सेनाएं भाग जाती थीं। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
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जोरावर सिंह के नाम पर भारतीय सेना एक मेड इन इंडिया टैंक बना रही है। इन हल्के टैंक को बेहद कारगर माना जा रहा है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
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भारतीय सेना ने भविष्य के लाइट टैंक के लिए स्पेसिफिकेशंस जारी किए थे जिसे 'जोरावर' नाम दिया गया है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
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जोरावर के तहत लाइट टैंक करीब 25 टन के होंगे और पहाड़ी इलाकों के लिए काफी कारगर साबित होंगे। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
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चीन से सटी एलएसी पर तैनात करने के लिए जोरावर टैंक को दुनिया के सबसे उंचे दर्रों से होकर गुजरना पड़ता है (प्रतीकात्मक तस्वीर)
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सबसे उंचे दर्रों से होकर सेना के टैंकों को एलएसी पहुंचने में खासी दिक्कत का सामना करना पड़ता है, इसी वजह से सेना को जोरावर की जरूरत पड़ी। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
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आपको बता दें कि चीन ने पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर पहले से ही लाइट टैंक तैनात कर रखे हैं ऐसे में अब जोरावर से चीन को कड़ा जवाब मिलेगा।
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