ISRO ने सूर्य मिशन का नाम आखिर आदित्य-L1 ही क्यों रखा?
Amit Mandal
चंद्रयान-3 मिशन रहा सफल
इसरो का चंद्रयान-3 मिशन सफलता के साथ पूरा हो रहा है। इसरो ने चांद पर जाने वाले मिशन का नाम चंद्रयान रखा था।
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इसरो का सूर्य मिशन
चंद्रमा के बाद अब इसरो सूर्य मिशन शुरू करने जा रहा है। सूर्य पर जाने वाले मिशन का नाम सूरज या सन जैसे शब्दों पर नहीं रखा गया है।
Credit: Social-Media/ISRO
आदित्य एल1 मिशन
इस मिशन का नाम होगा आदित्य एल1 मिशन। इसरो ने बताया कि भारत का यह मिशन सूरज पर उतरने नहीं जा रहा है इसलिए इसके नाम में सूरज या सौर्य शब्द को नहीं जोड़ा गया है।
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लैग्रेंज बिंदु-1 पर चक्कर लगाएगा
आदित्य-एल 1 सिर्फ सूरज की कक्षा लैग्रेंज बिंदु-1 पर सैटेलाइट के रूप में सूरज के चारों तरफ चक्कर लगाएगा। इसी वजह से इसके नाम में एल 1 शब्द को जोड़ा गया है।
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सूरज से निकलने वाले किरणों का अध्ययन
आदित्य-एल 1 मिशन सूरज से निकलने वाले किरणों का अध्ययन करेगा। इस मिशन के तहत इसरो यह पता लगाने की कोशिश करेगा कि सूरज की किरणें अंतरिक्ष में होने वाली गतिविधियों को कैसे प्रभावित करती हैं।
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इन पर अध्ययन करेगा आदित्य एल1
आदित्य एल-1 सूरज के फोटोस्फीयर, क्रोमोस्फीयर, बाहरी सतह यानि कोरोना का अध्ययन करेगा। यह आसपास मौजूद कणों का अध्ययन भी करेगा।
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खास है मिशन
इस मिशन में सूरज से निकलने वाले इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कणों और चुंबकीय क्षेत्र का भी अध्ययन किया जाएगा।
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7 पेलोड्स लगे हुए हैं
आदित्य-एल 1 में 7 पेलोड्स लगे हुए हैं जो सूरज से निकलने वाली किरणों का गहन अध्ययन करेंगे। आदित्य-एल 1 मिशन में कुल 378 करोड़ रुपये की लागत आई है।