Jul 12, 2023
महात्मा गौतम बुद्ध ज्ञान प्राप्ति के बाद अपने शिष्यों को ज्ञान देने लगे।
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गौतम बुद्ध के पास भिक्षु बनने के लिए काफी संख्या में लोग दीक्षा लेने आते थे।
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दीक्षा लेने वालों में ऐसे लोग भी थे जो मांस खाया करते थे।
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गौतम बुद्ध को मानने वाले लोग शिकारी भी थे। वे भी भिक्षु बन गए थे। बुद्ध ने भिक्षुओं के लिए एक नियम बना दिया था वे मांस नहीं खाएंगे।
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एक दिन भिक्षा के दौरान दो भिक्षु को खाने के लिए कुछ नहीं मिला। वे खाली हाथ वापस लौट रहे थे।
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तभी उस भिक्षु के भिक्षा पात्र में एक मांस का टुकड़ा गिर गया। वह मांस का टुकड़ा कौवे के पंजों से छुटकर गिरा था।
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भिक्षु ने बुद्ध के पास आकर कहा कि आपने कहा था कि भिक्षु को यह नहीं देखना चाहिए क्या खाना चाहिए। जो मिल जाए उसे खा लेना चाहिए।
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भिक्षु ने कहा कि हमारे पात्र में मांस मिला है। अगर हम खाते हैं तो नियम टूटेगा, नहीं खाते हैं तो भी नियम टूटेगा। क्या करना चाहिए?
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इस पर गौतम बुद्ध ने कहा कि तुम उसे खा लो, फेंको नहीं, फेंकोगे तो उससे भूल नहीं पाओगे, तुम्हारा मन विचलित होता रहेगा।
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