ईश्वर को नहीं मानते थे भगत सिंह, बताया था- मैं नास्तिक क्यों हूं

Ramanuj Singh

Sep 28, 2023

​ईश्वर के अस्तित्व पर खड़े किए तर्कपूर्ण सवाल​

शहीद ए आजम भगत सिंह ने जेल में रहते हुए ईश्वर के अस्तित्व को लेकर अनेक तर्कपूर्ण सवाल खड़े किए।

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27 सितंबर 1931 को छपा था भगत सिंह का लेख- मैं नास्तिक क्यों हूं

क्रांतिकारी भगत सिंह का ईश्वर को लेकर लिखा लेख 27 सितंबर 1931 को लाहौर के अखबार द पीपल में प्रकाशित हुआ था।

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ईश्वर ने ​कष्टों और संतापों से पूर्ण दुनिया क्यों बनाई?​

भगत सिंह कहा कि अगर ईश्वर सर्वशक्तिमान, सर्वव्यापक और सर्वज्ञानी है तो कष्टों और संतापों से पूर्ण दुनिया क्यों बनाई?

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एक भी व्यक्ति पूरी तरह संतुष्ट क्यों नहीं?

उन्होंने लिखा कि एक भी व्यक्ति पूरी तरह संतृष्ट नहीं है। कृपया यह न कहें कि यह भगवान का नियम है।

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ईश्वर सर्वशक्तिमान नहीं है​

भगत सिंह ने कहा कि अगर वह किसी नियम से बंधा है तो ईश्वर यानी भगवान सर्वशक्तिमान नहीं है।

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​ भगवान भी हमारी ही तरह नियमों का दास​

भगत सिंह ने कहा कि भगवान भी हमारी ही तरह नियमों का दास है।

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​दुनिया ईश्वर ने मनोरंजन के लिए बनाया है?​

भगत सिंह ने कहा कि कृपा करके यह भी न कहें कि दुनिया ईश्वर ने मनोरंजन के लिए बनाया है।

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​​दुनिया और मनुष्यों की रचना क्यों की?

भगत सिंह ने पूछा कि भगवान ने इस दुनिया और उसमें मनुष्यों की रचना क्यों की? आनन्द लूटने के लिए?

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​पाप या अपराध को क्यों नहीं रोक पाता ईश्वर?​

भगत सिंह ने पूछा कि सर्वशक्तिशाली ईश्वर हर व्यक्ति को क्यों नहीं उस समय रोकता है जब वह कोई पाप या अपराध कर रहा होता है?

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​​कहां है ईश्वर?​

भगत सिंह ने पूछा कि समाज में निन्दनीय अपराध, एक राष्ट्र का दूसरे राष्ट्र द्वारा अत्याचार पूर्ण शोषण हो रहा है, कहां है ईश्वर?

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