Jul 29, 2023

भारत-रूस की इन नदियों पर रखा गया है घातक BrahMos Missile का नाम

Amit Mandal

ब्रह्मपुत्र-मोस्कवा नदी पर रखा नाम

ब्रह्मोस मिसाइल का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा नदियों के नाम पर रखा गया है। ब्रह्मपुत्र नदी असम में बहती है।

Credit: PTI

मोस्कवा नदी के किनारे मास्को

रूस की राजधानी मास्को मोस्कवा नदी के किनारे स्थित है। मिसाइल को पनडुब्बियों, जहाजों, विमानों या जमीन से लॉन्च किया जा सकता है।

Credit: PTI

दो चरणों वाला प्रोपेलेंट बूस्टर इंजन

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल में दो चरणों वाला प्रोपेलेंट बूस्टर इंजन है। पहला चरण सॉलिड बूस्टर इंजन है, और दूसरा चरण लिक्विड रैमजेट इंजन है।

Credit: PTI

भारत-रूस का संयुक्त उद्मम

ब्राह्मोस एक संयुक्त उद्यम कार्यक्रम के तहत भारत और रूस द्वारा विकसित दुनिया की सबसे तेज और सबसे घातक क्रूज मिसाइल है।

Credit: PTI

दागो और भूल जाओ

ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा निर्मित ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल दागो और भूल जाओ के सिद्धांत पर काम करती है।

Credit: PTI

सुपरसोनिक गति

एक ठोस प्रोपेलेंट बूस्टर इंजन पहले चरण में हथियार को सुपरसोनिक गति से आगे ले जाता है, फिर एक तरल रैमजेट मिसाइल को दूसरे चरण में मैक 3 गति के करीब ले जाता है।

Credit: PTI

उड़ान में लेता है कम समय

ब्रह्मोस में उड़ान के लिए बेहद कम समय लगता है, जिससे लक्ष्य को जल्दी साधा जा सकता है।

Credit: PTI

300 किलोग्राम का वारहेड

इसके पारंपरिक वारहेड का वजन 300 किलोग्राम (661 पाउंड) तक होता है। सेना ने 2007 में ब्रह्मोस को बेड़े में शामिल किया था।

Credit: PTI

रडार की पकड़ से दूर

इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह रडार की पकड़ में न आ सके। इसे जमीन, समुद्र और हवा में से दागा जा सकता है और इसी वजह से यह बेहद घातक मिसाइल मानी जाती है।

Credit: PTI

किसी भी हथियार प्रणाली से सुरक्षित

यह सुपरसोनिक गति के साथ 290 किमी तक की उड़ान भरती है, जो लक्ष्य भेदने, तुरंत पहचानने और दुनिया में किसी भी हथियार प्रणाली से सुरक्षित है।

Credit: PTI

इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स

Next: चौधरी चरण सिंह देश के ऐसे प्रधानमंत्री, जो कभी संसद गए ही नहीं

ऐसी और स्टोरीज देखें