भारत-रूस की इन नदियों पर रखा गया है घातक BrahMos Missile का नाम
Amit Mandal
ब्रह्मपुत्र-मोस्कवा नदी पर रखा नाम
ब्रह्मोस मिसाइल का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा नदियों के नाम पर रखा गया है। ब्रह्मपुत्र नदी असम में बहती है।
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मोस्कवा नदी के किनारे मास्को
रूस की राजधानी मास्को मोस्कवा नदी के किनारे स्थित है। मिसाइल को पनडुब्बियों, जहाजों, विमानों या जमीन से लॉन्च किया जा सकता है।
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दो चरणों वाला प्रोपेलेंट बूस्टर इंजन
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल में दो चरणों वाला प्रोपेलेंट बूस्टर इंजन है। पहला चरण सॉलिड बूस्टर इंजन है, और दूसरा चरण लिक्विड रैमजेट इंजन है।
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भारत-रूस का संयुक्त उद्मम
ब्राह्मोस एक संयुक्त उद्यम कार्यक्रम के तहत भारत और रूस द्वारा विकसित दुनिया की सबसे तेज और सबसे घातक क्रूज मिसाइल है।
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दागो और भूल जाओ
ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा निर्मित ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल दागो और भूल जाओ के सिद्धांत पर काम करती है।
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सुपरसोनिक गति
एक ठोस प्रोपेलेंट बूस्टर इंजन पहले चरण में हथियार को सुपरसोनिक गति से आगे ले जाता है, फिर एक तरल रैमजेट मिसाइल को दूसरे चरण में मैक 3 गति के करीब ले जाता है।
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उड़ान में लेता है कम समय
ब्रह्मोस में उड़ान के लिए बेहद कम समय लगता है, जिससे लक्ष्य को जल्दी साधा जा सकता है।
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300 किलोग्राम का वारहेड
इसके पारंपरिक वारहेड का वजन 300 किलोग्राम (661 पाउंड) तक होता है। सेना ने 2007 में ब्रह्मोस को बेड़े में शामिल किया था।
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रडार की पकड़ से दूर
इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह रडार की पकड़ में न आ सके। इसे जमीन, समुद्र और हवा में से दागा जा सकता है और इसी वजह से यह बेहद घातक मिसाइल मानी जाती है।
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किसी भी हथियार प्रणाली से सुरक्षित
यह सुपरसोनिक गति के साथ 290 किमी तक की उड़ान भरती है, जो लक्ष्य भेदने, तुरंत पहचानने और दुनिया में किसी भी हथियार प्रणाली से सुरक्षित है।
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