Dec 2, 2022
पंजाब के फाजिल्का निवासी लॉरेंस बिश्नोई के पिता पुलिस में थे। बिश्नोई की शुरुआती पढ़ाई फाजिल्का में ही हुई।
Credit: BCCL
चंडीगढ़ के सेक्टर 10 स्थित डीएवी कॉलेज में पढ़ने के दौरान लॉरेंज को छात्र राजनीति का चस्का लगा। इससे उसके मन में 'डॉन' बनने की चाह पैदा हुई। चुनाव लड़ा लेकिन हार मिली।
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छात्रसंघ चुनाव में मिली हार के बाद लॉरेंस की जिंदगी की गाड़ी जुर्म के रास्ते पर चलने लगी। पहली बार फायरिंग की फिर शुरू हुई लॉरेंज की जुर्मी दुनिया।
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लॉरेंस ने पहला गैंग कॉलेज में बनाया और उसके बाद अपना नेटवर्क पहले पंजाब और हरियाणा, फिर कई और राज्यों तक फैला लिया।
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महज 30 साल के लॉरेंस पर 50 से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। कहा जाता है कि उसकी गैंग में करीब 600 से ज्यादा कुख्यात शॉर्प शूटर शामिल हैं।
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इसी साल जब सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या हुई थी तो लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्य गोल्डी बराड़ ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली थी।
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लॉरेंस बिश्नोई के शार्प शूटर इंडिया ही नहीं बल्कि विदेशों तक में फैले हैं। कहा जाता है कि वह जेल में भले ही बंद है, पर रंगदारी वसूलने का काम आज भी चलता है।
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बिश्नोई समाज काले हिरण को शुभ और पवित्र मानता है जिस वजह से लॉरेंस ने सलमान खान पर हमले का प्लान बनाया था, रेकी भी की गई थी लेकिन गुर्गा पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
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जेल में बंद रहने के दौरान जब लॉरेंस पेशी पर आया था तो उसके माथे पर तिलक, गले में माला या लॉकेट थी। इसके अलावा वह महंगी ब्रांंडेड जैकेट पहना हुआ था।
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