Jul 3, 2023
देशभर में जितने भी किन्नर है उन सभी के देवता अरावन हैं।
Credit: social-media
इंद्रप्रस्थ छोड़कर तीर्थ भ्रमण पर हरिद्वार गए अर्जुन को देख नागराज कौरव्य की पुत्री नागकन्या उलूपी उन पर मोहित हो गई थी।
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वह अर्जुन को खींचकर अपने नागलोक में ले गई और अर्जुन को उससे शादी करनी पड़ी, इन्हीं से अरावन पैदा हुआ था।
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इरावन अर्जुन का पुत्र था जिसका जन्म विशेषकाल परिस्थिति में हुआ था।
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मान्यता है कि इसी दिन अरावन की महाभारत के युद्ध में मौत हो गई थी।
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इसी अरावन को किन्नर अपना देवता मानते हैं
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इसकी याद में हजारों किन्नर तमिलनाडु के कूवागम गांव में जमा होते हैं।
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साल में एक दिन ऐसा भी आता जब किन्नर सज-धजकर अरावन से शादी करते हैं।
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हजारों किन्नर अरावन की दुल्हन के रूप में शादी समारोह में शिरकत करती हैं और मंदिर के पुजारी ने उनकी गर्दन में कलावा बंधवाती हैं।
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अगले दिन अरावन देवता की मौत के साथ ही उनका वैवाहिक जीवन खत्म हो जाता है।
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