Jan 8, 2023
जानवर को खास तरह से मारने को एक हलाल प्रक्रिया कहा जाता है। इसके तहत जानवर के गर्दन की नस और सांस लेने वाली नली काटी जाती है।
Credit: pixabay
इस दौरान कुरान की कुछ आयतें भी पढ़ी जाती हैं। इस तरह से जानवर को मारने से उसके जिस्म का सारा खून निकल जाता है। इसे जिब्ह करना भी कहा जाता है।
Credit: pixabay
किसी भी जानवर की गर्दन को धारदार हथियार से एक बार में ही काट देने को झटका कहा जाता है।
Credit: pixabay
माना जाता है कि इसमें जानवर को ज्यादा दर्द नहीं होता क्योंकि इसमें एक ही झटके में जानवर मर जाता है।
Credit: Pixabay
कुछ इस्लामिक गुरू के मुताबिक किसी भी जानवर के खून में बीमारी रहती है। इसलिए जानवर को हलाल करते वक्त उसका खून बहाना जरूरी है।
Credit: pixabay
यूं तो झटके से जानवर को मारने से खून बहता है लेकिन हलाल करने से जानवर के जिस्म से पूरी तरह से खून निकल जाता है।
Credit: pixabay
कहा जाता है कि झटका में जानवरों को मारने से पहले उनके दिमाग को शून्य कर दिया जाता है ताकि उसे दर्द का एहसास न हो।
Credit: pixabay
हलाल की प्रक्रिया में जानवर को धीरे धीरे मारा जाता है ताकि उसके शरीर का पूरा खून निकल जाए। हलाल प्रक्रिया में जानवरों को काफी दर्द पहुंचता है।
Credit: pixabay
मुसलमान हलाल मांस की प्रथा का पालन करते हैं। जबकि वहीं सिख समुदाय झटका पसंद करते हैं।
Credit: pixabay
इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स