Sep 9, 2023

क्या होगा अगर सूरज को कोई ब्लैक होल निगल जाए...कितनी तबाही मचेगी?

Amit Mandal

ब्लैक होल बहुत घना

ब्लैक होल बहुत ही घना होता है। इसका सारा मैटर इसके मध्य भाग में एक छोटे हिस्से में दबा हुआ होता है जिसे सिंगुलैरिटी कहा जाता है।

Credit: NASA

ज्यादातर ब्लैक होल बड़े तारों का बचा हुआ हिस्सा होते हैं। उन्हीं तारों की तरह ब्लैक होल के पास मजबूत ग्रैविटेशनल पुल यानी गुरुत्वाकर्षण खिंचाव होता है। जितना अधिक मैटर, उतना अधिक मजबूत खिंचाव।

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एक झटके में नहीं निगलेगा

हो सकता है कि यूनिवर्स में मौजूद असंख्य ब्लैक होल में से कोई एक सूरज की तरफ बढ़ रहा हो। जब ऐसा होगा तो ये एक झटके में सूरज को नहीं निगलेगा।

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गुरुत्वीय खिंचाव सूरज के मैटर को खींचेगा

ब्लैक होल का मजबूत गुरुत्वीय खिंचाव सूरज के मैटर यानि एनर्जी को अपनी ओर खींचेगा। जैसे कि किसी ऊन के गोले से खींचता हुआ धागा।

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सूरज से अलग हो जाएगी गैस

भारी मात्रा में गैस सूरज से अलग होती जाएगी। और ब्लैक होल के आस-पास पड़ोसी ग्रहों की धूल और गैस से बनी एक्रीशन डिस्क में शामिल हो जाएगी।

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सूरज की होगी तबाही

सूरज की ये तबाही तब तक जारी रहेगी, जब तक ये तारा पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता। बचा रह जाएगा सिर्फ गैस का एक बादल। सिर्फ पूंछ का हिस्सा बच जाएगा।

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घातक एक्स-रे रेडिएशन धरती की ओर बढ़ेगी

जब सूरज का मैटर सोखा जा रहा होगा, तब तेज धमाकों के साथ जानलेवा अल्ट्रावायलेट और एक्स-रे रेडिएशन निकल रही होगी जो धरती की तरफ बढ़ेगी।

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हमें 8 मिनट तक कुछ पता नहीं चलेगा

हमें 8 मिनट तक पता नहीं चलेगी की सूरज का नतीजा क्या हुआ, क्योंकि धरती पर इसकी रोशनी पहुंचने में इतना ही वक्त लगता है।

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ब्लैक होल रौशन हो जाएगा

सूरज को निगलने के बाद ब्लैक होल रौशन हो जाएगा। सूरज के मुकाबले कई गुना ज्यादा चमकदार होगा। पूरी तरह सूरज को निगलने के बाद सोलर सिस्टम बर्बाद हो जाएगा।

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पृथ्वी को आगे-पीछे धकेलेगी टाइड्स

एक नया ग्रैविटेशनल संतुलन बनने की जरूरत होगी। और धरती पर बरसने वाली जानलेवा रेडिएशन के साथ टाइड लाने वाली ताकतें इस ग्रह को आगे-पीछे धकेलेगी।

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पृथ्वी के हो जाएंगे टुकड़े

इससे भूकंप, ज्वालामुखी धमाके और सुनामी आएगी। आखिरकार पृथ्वी के टुकड़े हो जाएंगे। अगर ऐसा नहीं भी हुआ तो ये सोलर सिस्टम से बाहर हो जाएगा।

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