Aug 5, 2023
कभी खुद को 'खुदा' समझते थे विकास दिव्यकीर्ति सर, फॉलो करते हैं ऐसा डे-रूटीन
अभिषेक गुप्ता
दृष्टि आईएएस कोचिंग के संस्थापक डॉ.विकास दिव्यकीर्ति कभी खुद को "खुदा" समझते थे।
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वह अपनी क्लास में बोले थे, "मैं 20-22 साल की उम्र में खुद को बहुत कुछ समझता था।"
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उन्होंने संकेत दिया कि उस दौर में उनके भीतर गजब का अतिआत्मविश्वास हुआ करता था।
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उन्होंने कहा था- "मेरा वर्तमान भविष्य में इतिहास बनेगा"...मैं तब ऐसी कविताएं लिखता था।
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उन्होंने कहा था- "मेरा वर्तमान भविष्य में इतिहास बनेगा"...मैं तब ऐसी कविताएं लिखता था।
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हालांकि, कुछ समय बाद उनका यह भ्रम टूट गया और ऐसा पढ़ाई-लिखाई के बाद हुआ।
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उन्होंने इस बारे में बताया, "मुझे पढ़ने के बाद समझ आया कि मच्छर और मुझमें फर्क नहीं है।"
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सर ने इसके अलावा अपने लेक्चर में अपने पूरे दिन के रूटीन का भी ब्यौरा दिया था।
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उनके अनुसार, "वह सुबह साढ़े नौ या 10 बजे के आस-पास आराम से सोकर उठते हैं।"
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सर ने बताया कि नाश्ते के बाद वह एक घंटा (सुबह 11 से दोपहर 12 तक) गप्प मारते हैं।
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फिर एक बजे ऑफिस जाते हैं, जहां एक से दो के बीच मीटिंग (जरूरी हुई तो) करते हैं।
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आगे शाम को वह ऑफिस के सीनियर्स को बुला कर वह साथ में ब्लैक कॉफी पीते हैं।
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दिव्यकीर्ति रात से एक बजे अकेले सैर पर भी निकलते हैं और देर रात तीन तक पढ़ते हैं।
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