Jan 30, 2024
आने वाले कुछ वर्षों में भारत से थाईलैंड जाने के लिए फ्लाइट पकड़ने की जरूरत नहीं होगी। आप भारत से थाईलैंड कार से भी जा सकेंगे। (तस्वीरें प्रतीकात्मक हैं)
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भारत, म्यांमार और थाईलैंड द्वारा मिलकर बनाए जा रहे कोलकाता-बैंकॉक हाईवे से ऐसा संभव होगा।
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1360 किलोमीटर लंबा भारत-म्यांमार-थाईलैंड राजमार्ग का निर्माण 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है।
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इस अंतरराष्ट्रीय रोड परियोजना के पीछे भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी का दिमाग था।
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साल 2002 में वाजपेयी ने थाईलैंड और म्यांमार को इस परियोजना का प्रस्ताव दिया था। मकसद था आसियान के बीच व्यापार को बढ़ावा देने का।
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कोलकाता-बैंकॉक हाईवे की कुल लंबाई 1360 किलोमीटर है और इसका सबसे ज्यादा हिस्सा भारत में है। थाइलैंड में इसका सबसे कम हिस्सा है।
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थाईलैंड और भारत में इस राजमार्ग का निर्माण काफी हद तक पूरा हो चुका है। लेकिन म्यांमार में बिगड़ी कानून व्यवस्था और वित्तीय संकट के कारण यह प्रोजेक्ट अभी अटका हुआ है।
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यह हाईवे कोलकाता से शुरू होकर उत्तर में सिलीगुड़ी जाता है। आगे कूचबिहार होते हुए बंगाल से श्रीरामपुर सीमा के माध्यम से असम में प्रवेश करेगा।
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फिर दीमापुर से नगालैंड में प्रवेश करने के बाद हाईवे मणिपुर के इम्फाल के पास मोरेह नामक जगह म्यांमार में प्रवेश करेगा।
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म्यांमार के मांडले, नैप्यीडॉ, बागो, यंगून और म्यावाडी शहरों से होते हुए मॅई सॉट के जरिए थाईलैंड में प्रवेश करेगा।
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