Oct 17, 2023
वैश्विक पटल पर भारत लगातार अपनी ताकत बढ़ाता जा रहा है, आज उसके पास रूस, अमेरिका, इजराइल सहित एक से बढ़कर एक दोस्त हैं।
Credit: PTI/Freepik
लेकिन कुछ ऐसे दुश्मन देश भी हैं जो भारत का अहित चाहते हैं। इन्हें भारत की बढ़ती ताकत और प्रसिद्धि रास नहीं आती है और ये कदम-कदम पर कांटे बिछाते हैं।
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नंबर पांच पर मलेशिया है जिसने हमेशा भारत के खिलाफ रुख अख्तियार किया है। यहां इस्लामिक धार्मिक कट्टरता बढ़ी है और अक्सर कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ देता है। जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण में भी उसने रोड़ा लगाया है।
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तुर्की भी भारत विरोधी और पाकिस्तान समर्थक देश के रूप में सामने आया है। 1965 के बाद कई ऐसे मौके आए जब तुर्की ने यूएन में भारत के खिलाफ पाकिस्तान के पक्ष में वोटिंग की है।
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कई वर्षों से कनाडा का रुख पूरी तरह भारत विरोधी और सिख अलगाववादी समर्थक रहा है। पीएम जस्टिन ट्रूडो ने आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारतीय एजेंटों पर लगाकर दोनों देशों के रिश्तों को रसातल में पहुंचा दिया है।
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भारत विभाजन के बाद अस्तित्व में आया पाकिस्तान भारत का दुश्मन नंबर दो है। 1965, 1971 और 1999 की जंग में हमसे मात खा चुका पाकिस्तान अब आतंकवाद के जरिए भारत को चोट पहुंचाने की फिराक में रहता है।
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चीन को भारत का नंबर 1 दुश्मन माना जा सकता है। कई विशेषज्ञ कह चुके है कि चीन ही भारत का सबसे बड़ा दुश्मन है। चीन ने 1962 युद्ध करके भारत को धोखा दिया था। दोस्ती की बात कहकर वह हमेशा भारत की पीठ पर छुरा भोंकता रहा है।
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पाकिस्तान के बाद चीन ही एकमात्र ऐसा देश है जिससे हम युद्ध कर चुके हैं। यूएन में स्थायी सीट की बात हो या एन एस जी ग्रुप में शामिल करने की बात या पाक आतंकियों को शह देने का, उसने हमेशा वीटो पावर का दुरुपयोग कर भारत का रास्ता रोका है।
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