Apr 15, 2025
रानी दुर्गावती ने अपने छोटे बेटे के साथ राज्य संभाला और जब मुगलों ने हमला किया तो उन्होंने वीरता से युद्ध लड़ा।
Credit: Meta AI
अंतिम समय तक उन्होंने आत्मसमर्पण नहीं किया और युद्धभूमि में वीरगति पाई।
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रानी कर्णावती ने चित्तौड़गढ़ की रक्षा के लिए जौहर किया।
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उन्होंने अपनी बहादुरी और आत्मबलिदान से मुगलों के सामने झुकने से इनकार कर दिया।
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रानी चेनम्मा ने मराठों को पनाह दी और औरंगज़ेब के आदेश को ठुकरा दिया।
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उन्होंने अपने राज्य के स्वाभिमान की रक्षा करते हुए मुगलों से मोर्चा लिया।
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शिवाजी महाराज की बहू और राजाराम की पत्नी थीं। राजाराम की मृत्यु के बाद उन्होंने मराठा सेनाओं का नेतृत्व किया।
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उन्होंने बीजापुर के सुल्तानों और पुर्तगाली आक्रमणकारियों दोनों के खिलाफ वीरता से लड़ाई लड़ी।
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अभक्का देवी दक्षिण भारत की एक शक्तिशाली रानी थीं जो विदेशी शासन के विरुद्ध खड़ी रहीं।
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