Dec 13, 2022

BY: प्रशांत श्रीवास्तव

छिपा हुआ स्वर्ग है तवांग,तस्वीरें देख हनीमून की आएगी याद

भारत-चीन सीमा पर है स्थित

तवांग पश्चिमी अरूणाचल प्रदेश में चीन और भूटान की सीमा पर स्थित है। इसे धरती पर छिपा हुआ स्वर्ग कहा जाता है।

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बौद्ध धर्म के लिए बेहद अहम है तवांग

तवांग ता और वांग शब्दों से मिलकर बना है। ता का मतलब घोड़ा होता है और वांग का मतलब चयन होता है। बौद्ध धर्मी में मान्यता है कि मीरा लामा के घोड़े ने इस जगह को खोजा था।

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भूकंप से बनी है माधुरी झील

सांगेस्तर सो झील को ही माधुरी झील कहा जाता है। इसका निर्माण साल 1950 में आए एक भूकंप के बाद हुआ था। कोयला फिल्म की शूटिंग के बाद इस झील का नाम अभिनेत्री माधुरी दीक्षित के नाम पर पड़ गया।

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एशिया का सबसे पुराना बौद्ध मठ

तवांग में एशिया का सबसे पुराना और दूसरा सबसे बड़ा बौद्ध मठ है। इस जगह की खोज साल 1680-81 के दौरान की गई थी।

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दुधिया झरना

तवांग से 40 किलोमीटर दूर नूरानांग झरना है, जो पूरी तरह से दुधिया है। इसकी खूबसूरती देखते बनती है।

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तारा देवी की विशाल प्रतिमा

तवांग से 45 किलोमीटर दूर तारा देवी की विशाल प्रतिमा है। जिसका बौद्ध धर्म में अहम महत्व है।

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सैनिकों की याद में युद्ध स्मारक

भारत और चीन के बीच साल 1962 में हुए युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिकों की याद में युद्ध स्मारक भी बनाया गया है। जो वीर सैनिकों के शौर्य की याद दिलाता है।

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ऐसे पहुंच सकते हैं तवांग

तवांग पहुंचने के लिए सबसे नजदीक असम का तेजपुर एयरपोर्ट हैं, जहां से वह करीब 300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा गुवाहाटी एयरपोर्ट से भी वहां पहुंचा जा सकता है।

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