Aug 29, 2023

ताजमहल नहीं ये है असली प्रेम की निशानी, सच्चाई जानकर हर हिंदुस्तानी को होगा गर्व

शिशुपाल कुमार

प्रेम की निशानी

भारत में ताजमहल को प्रेम की निशानी के तौर पर दिखाया जाता रहा है

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होता रहा है विवाद

लेकिन क्या ये वास्तविक में प्रेम की निशानी है, इस पर समय-समय पर विवाद होते रहा है

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एक और निशानी

​अगर हम ताजमहल को हटाकर देखें तो एक और चीज है जो सही मायने में असली प्रेम की निशानी है​

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बिहार के गया में है स्थिति

बिहार के गया जिले के वजीरगंज के गलहौर गांव में स्थित दशरथ मांझी पथ विशुद्ध प्रेम की निशानी है

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दशरथ मांझी की प्रेम कहानी

यह पथ पहाड़ को तोड़कर उस दशरथ मांझी ने बनाया था, जो अपनी पत्नी फगुनिया से काफी प्यार करते थे

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चीर दिया पहाड़ का सीना

फगुनिया जब मां बनने वाली थी तब इसी पहाड़ के कारण उनकी मौत हो गई, गुस्साए दशरथ मांझी ने पहाड़ की ही सीना चीर दिया और एक सड़क बना दी

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पत्नी के प्यार में पागल

अपनी पत्नी के प्यार में पागल दशरथ मांझी ने 22 वर्षों तक पागलों की तरह पहाड़ की चट्टानों को काटते रहे

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छेनी-हथौड़ी से काट दिया पहाड़

22 सालों में 25 फीट ऊंचा, 30 फीट चौड़ा और 360 मीटर लंबे पहाड़ को सिर्फ छेनी और हथौड़ी से काट दिया

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देश-विदेश से आते हैं लोग

आज दशरथ मांझी को माउंटेन मैन के नाम से जाना जाता है, उनकी अनोखी लव स्टोरी की कहानी को देखने देश विदेश से पर्यटक पहुंचते हैं

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