प्यार की निशानी से ज्यादा कलंक है ताजमहल! सच्चाई जान करने लगेंगे नफरत

शिशुपाल कुमार

Aug 19, 2023

प्रेम की निशानी

ताजमहल को शाहजहां और मुमताज की प्रेम की निशानी के तौर पर माना जाता है, यहां दोनों की कब्रें हैं

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सात अजूबों में से एक

सात अजूबों में से एक ताजमहल की एक और सच्चाई है, जो काफी काली है

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मजदूरों का शोषण

मानव इतिहास की क्रूरता और मजदूरों के शोषण का यह एक घटिया उदाहरण भी है

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20 हजार मजदूर करते थे काम

रोज 20 हजार मजदूर यहां काम करते थे, जिनमें से कई की मौत हो जाया करती थी

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गुलाम की जिंदगी

उन्हें वहीं दफना दिया जाता, काम न करने पर उनकी पिटाई की जाती, एक तरह से वो गुलाम की जिंदगी जी रहे थे

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30 करोड़ का खर्च

उस दौर में ताजमहल बानने इस पर 30 करोड़ खर्च हुए थे, 20 साल से ज्यादा काम चला था

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भयंकर अकाल

जब ताजमहल का निर्माण हो रहा था, तब भयंकर आकाल आया था

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लाशों का लग गया था ढेर

लाशों से दिल्ली की सड़के पट गईं थी, तब किसी तरह से शाहजहां से डेढ़ लाख रुपये जनता के लिए दिए थे

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लाखों के पहनते था कपड़े

जबकि उस दौर में शाहजहां अपने गुलामों पर ही साल भर में 80 लाख खर्च कर देता था, 40 लाख के कपड़े पहनता था

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