Jun 29, 2023
1665 में एक वीर अहोम योद्धा ने औरंगजेब की विशाल सेना को धूल चटा कर असम छोड़ने पर मजबूर कर दिया था।
Credit: Social-Media-Twitter
इस योद्धा का नाम था लचित बरफूकन था और इसका जन्म 24 नवंबर, 1622 में असम के प्रागज्योतिशपुर में हुआ था।
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दरअसल, सन 1660 के आसपास औरंगजेब का भारत के एक बड़े हिस्से पर शासन था। लेकिन असम उसकी पहुंच से दूर था और इस राज्य पर उसकी नजर थी।
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1661 में मुगलों ने असम पर पहला हमला किया था, वहां से शासक इसका जवाब नहीं दे पाए और उन्हें समझौता करना पड़ा था।
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असम के सराइघाट के युद्ध में अहोम सेना ने मुगलों की विशाल सेना को करारी शिकस्त देकर असम को आजाद कराया था। इसी युद्ध के नायक थे लचित बरफूकन।
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छोटी सी सेना लेकर मुगलों को हराना आसान नहीं था, लेकिन लचित ने स्थानीय लोगों और अपने साथियों को साथ लेकर रणनीति बनाई।
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वह मौका देखकर औरंगजेब की सेना पर हमला करते। जिस तरह से महाराणा प्रताप और शिवाजी ने मुगलों से युद्ध किया, लचित भी वैसे ही करते थे।
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लचित ने रात के वक्त गुरिल्ला युद्ध करने की रणनीति बनाई। रात में तेजी से उनके योद्धा हमला करते थे। इसे देख मुगल सैनिकों में डर बैठ गया। वे कहते थे कि अहोम सैनिक राक्षस हैं। उनके पास प्रेत शक्ति है।
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सराइघाट युद्ध में लचित की वीरता और सूझबूझ से मुगल सेना को मुंह की खानी पड़ी और वो दोबारी नहीं लौटी और अहोम शासन स्थापित हो गया।
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