माहवारी के दिनों में महिलाओं को तरह तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन दिक्कतों से निजात पाने के लिए महिलाएं सैनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल करती हैं। लेकिन कुछ रिपोर्ट के मुताबिक नैपकिन सुरक्षित नहीं है।
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भारत में बनने वाले सैनिटरी नैपकिन में जहर !
स्वीडेन की संस्था इंटरनेशनल पॉल्युटेंट्स इलिमिनेशन नेटवर्क टॉक्सिक लिंक नाम की संस्था के साथ जुड़कर भारत में बनने वाली सैनिटरी नैपकिन की जांच की और पाया कि उनमें कैंसर पैदा करने वाला जहर है।
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पहले भी उठ चुके हैं सवाल
सैनिटरी नैपकिन्स की गुणवत्ता को लेकर पहले भी सवाल उठाए जाते रहे हैं। हालांकि नैपकिन बनाने वाली कंपनियां इस तरह के आरोपों को नकारती हैं।
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पीरियड्स में करीब 7 पैड की जरूरत
पीरियड्स के दौरान करीब सात पैड्स सामान्य तौर पर इस्तेमाल में लाए जाते हैं, हालांकि यह अलग अलग महिलाओं की जरूरतों पर निर्भर करता है।
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पीरियड्स में कमर दर्द की आम शिकायत
पीरियड्स के दौरान, कमर में दर्द, क्रैंप सामान्य शिकायत। हालांकि अगर परेशानी अधिक हो तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए
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सैनिटरी नैपकीन के कम इस्तेमाल की सलाह
जरूरत से अधिक स्मेल,पर्यावरण को खतरा, स्किन की दिक्कत हो सकती है,इसके साथ ही दूसरी हेल्थ संबंधी दिक्कत जैसे कैंसर का खतरा हो सकता है।
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