Oct 20, 2022

रेलवे का डायनामिक फेयर सिस्टम, डाल रहा है यात्रियों की जेब पर डाका

किशोर जोशी

मुसाफिरों के लिए जेबकटवा बना डायनामिक फेयर सिस्टम

दिवाली और छठ जैसे त्योहारों में घर जाने के लिए टिकट की बुकिंग धड़ाधड़ हो रही है और यहीं पर डायनामिक फेयर सिस्टम जेबकटवा बन रहा है।

Credit: BCCL

रेलवे की कमाई में आया अंतर

रेलवे डायनामिक फेयर के जरिए सीजन में काफी अच्छी कमाई भी कर चुका है। पहले तीन साल में ही इससे 4 हजार करोड़ से अधिक की कमाई हुई थी।

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देने पड़ रहे हैं टिकट के लिए कहीं अधिक दाम

दरअसल दुरंतो, शताब्दी, तेजस और राजधानी जैसी सुपरफास्ट ट्रेनों में डायनामिक फेयर सिस्टम लागू होता है जिस वजह से यात्रियों को कई गुना अधिक टिकट के दाम देने पड़ रहे हैं।

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​इस तरह तय होता है डायनामिक फेयर

इस सिस्टम में टिकटों की बुकिंग के साथ-साथ किराया बढ़ता जाता है। अगर ट्रेन में 10% टिकट बुक हो गई हैं, तो किराया 10% बढ़ जाएगा।

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​50 प्रतिशत बुकिंग होने तक बढ़ेगा किराया

हर दस फीसदी टिकट बुकिंग होने के साथ यह तब तक अप्लाई होता है जब तक 50 फीसदी टिकट बुक नहीं हो जाती है, इसके बाद किराया स्थिर हो जाता है।

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​उदाहरण से समझिए किराया

यदि किराया 500 है तो 10-20 फीसदी टिकट की बुकिंग पर यह 550 हो जाएगा, 20 से 30 फीसदी बुकिंग पर 605 रुपये और 40 से 50 फीसदी बुकिंग पर 730 रुपये हो जाएगा।

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इस वजह से किया गया शुरू यह सिस्टम

2016 में प्रीमियम ट्रेनों के लिए डायनामिक फेयर सिस्टम इसलिए शुरू किया गया था ताकि रेलवे के घाटे को कमय किया जा सके।

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