Jan 8, 2024
महान हिंदू राजा बप्पा रावल का नाम भारत में हर कोई जानता है। उनके नाम से पाकिस्तान भी परिचित है। आज बप्पा रावल की मौजूदगी पाकिस्तान में किस तरह बरकरार है इसका उदाहरण है रावलपिंडी।
Credit: Twitter/Wiki
पाकिस्तान में सेना का मुख्यालय जिस शहर में है उसका नाम रावलपिंडी है, कहा जाता है कि इसका नाम हिंदू राजा बप्पा रावल पर ही पड़ा था।
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कुछ समय पहले एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें पाकिस्तान के एक लेखक सज्जाद अजहर ने दावा किया कि रावलपिंडी नाम हिंदू राजा महाराणा बप्पा रावल से आया है।
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1947 में भारत का बंटवारा हुआ जिसमें से पाकिस्तान बना। विभाजन से पहले वहां भारत के कई मशहूर शहर थे। इनमें से ही एक रावलपिंडी शहर जिसका नाम हिंदू राजा महाराणा बप्पा रावल के नाम पर रखा गया था।
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रणबांकुरों की धरती राजस्थान के सपूत महाराणा बप्पा रावल का राज किसी जमाने में भारत से लेकर अफगानिस्तान तक था। उनकी वीरता की कहानी कोने-कोने में मशहूर थी।
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पाकिस्तानी लेखक सज्जाद अजहर ने कहा कि रावलपिंडी में सबसे पहली फौजी चौकी 8वीं सदी में बनी थी और इसे स्थापित बप्पा रावल ने स्थापित किया था।
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बप्पा रावल ने 712 ईसवीं में, आज जहां पाकिस्तान है, वहां राज कर रहे अरब शासक को हरा कर अपना राज स्थापित किया था।
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उस दौरान बप्पा रावल ने मोहम्मद बिन कासिम का शासन मुल्तान से उखाड़ फेंका था और उसे ईरान भागने की हालत में ला दिया था।
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सज्जाद ने बताया, बप्पा रावल ने अरब के शासकों को अफगानिस्तान तक चैन नहीं लेने दिया था। तब बप्पा रावल ने शत्रुओं के आक्रमणों से बचने के लिए रावलपिंडी में एक स्थायी फौजी चौकी बनाई।
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