भारतीय इतिहास का सबसे 'बुद्धिमान-मूर्ख' बादशाह

Amit Mandal

Jun 27, 2023

तुगलकी फरमान वाला बादशाह

चौदहवीं शताब्दी के चर्चित बादशाह मोहम्मद बिन तुगलक का शासन 1324-51 तक रहा था। तुगलक के अजीबोगरीब फरमान मुसीबत बन जाया करते थे।

Credit: Social-Media-Wikipedia

कई प्रयोग रहे नाकाम

उसने अपने दौर में कई प्रयोग किए थे जो नाकाम रहे थे।

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पीतल-तांबे के चलाए थे सिक्के

उसने सोने-चांदी के सिक्कों की जगह पीतल और तांबे के सिक्के चलाए थे। प्रयोग नाकाम रहा, लोग घरों में सिक्के बनाने लगे।

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दिल्ली की जगह देवगिरी को बनाया राजधानी

1329 में दिल्ली की जगह देवगिरी को अपनी राजधानी बना दिया, जिसे दौलताबाद के नाम से जाना गया।

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दिल्ली के लोगों को देवगिरी जाने का सुनाया फरमान

उसने सिर्फ राजधानी को ही नहीं बदला, बल्कि दिल्ली की आबादी को भी दौलताबाद जाने का आदेश दे डाला। लोगों को भारी मुसीबतें झेलनी पड़ीं।

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सबसे बुद्धिमान मूर्ख राजा

इन्हीं फैसले की वजह से उसे भारतीय इतिहास का सबसे बुद्धिमान मूर्ख राजा कहा जाता है।

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दिल्ली में भयंकर अकाल पड़ा

तुगलक के समय दिल्ली में (सन् 1344) भयंकर अकाल पड़ा था। लोगों में हाहाकर मच गया और लाखों लोगों की जान चली गई।

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फिजूलखर्जी के कारण पड़ा अकाल

इतिहासकार कहते हैं कि दिल्ली में अकाल तुगलक की फिजूलखर्ची के कारण पड़ा था।

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पागलपन के थे अंश

अंग्रेज इतिहासकार एम एम्फिस्टन के अनुसार तुगलक में पागलपन का कुछ अंश थे।

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30 लाख सैनिक, फिर था कमजोर

30 लाख सैनिक होने के बावजूद कमजोर था तुगलक। ऐसे सैनिक भर्ती किए जो लड़ना नहीं जानते थे।

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दो खास शौक थे

तुगलक के बारे में इबन्बतूता ने लिखा कि उसके दो प्रिय शौक थे, खुशफहमी में उपहार देना और गुस्से में खून बहाना।

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