Nov 17, 2022

मटुकनाथ-जूली: एक प्रेम कहानी का दर्दनाक अंत

रामानुज सिंह

प्रेमियों के लिए बन गई थी प्रेरणा

एक समय लवगुरु मटुकनाथ और जूली की प्रेम कहानी की काफी चर्चा होती थी। हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया था। कोई विरोध करता था तो कोई समर्थन। प्रेमियों के लिए प्रेरणा बन गई थी।

Credit: Twitter

​गुरु-शिष्या की परंपरा के लिए था झटका

इस प्रेम में गुरु-शिष्या की परंपरा पीछे छूट गई थी। मटुकनाथ जब पटना यूनिवर्सिटी में हिंदी के प्रोफेसर थे और जूली इनकी शिष्या थी, उसी समय दोनों में प्रेम हुआ था।

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टूट गई थीं उम्र की दीवारें

मटुकनाथ-जूली की प्रेम में उम्र की दीवारें भी टूट गई थीं। जूली की उम्र प्रोफेसर मटुकनाथ आधी उम्र की थी। मटुकनाथ ने शिष्या से प्रेम करते ही अपने परिवार का साथ छोड़ दिया था। जूली के परिवार वालों ने भी जूली से रिश्ते तोड़ लिए थे।

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​बेमेल मोहब्बत की हुई थी काफी चर्चा

शिष्या जूली और मटुकनाथ की प्रेमलीला जगजाहिर होते ही सुर्खियां बन गई थी। मटुकनाथ-जूली के इस बेमेल मोहब्बत की काफी चर्चा हुई थी। मटुकनाथ-जूली की प्रेम कहानी 2006 में सामने आई थी। (तस्वीर सौजन्य-फेसबुक)

Credit: Times Now Digital

मटुकनाथ के चेहरे पर पोते गए थे कालिख

जूली और मटुकनाथ के प्रेम पर परिवार से लेकर समाज तक ने हंगामा किया था। मटुकनाथ के मुंह पर कालिख तक पोते गए थे और यूनिवर्सिटी ने सस्पेंड कर दिया था। (तस्वीर सौजन्य-फेसबुक)

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उपेक्षा की वजह से जूली हो गई थी अलग?

कुछ वर्षों के बाद प्रोफेसर मटुकनाथ पर जूली की उपेक्षा का बड़ा आरोप लगा। जूली वेस्टइंडीज के त्रिनिदाद चली गई थी। वहां वह काफी बीमार थी। फिलहाल उसके बाद में कोई जानकारी नहीं है।

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मटुकनाथ भी बदल गए?

कहा जाता है कि धीरे-धीरे रिश्ते कमजोर पड़ गए और मटुकनाथ ने जूली में इंटरेस्ट दिखना बंद कर दिया। (तस्वीर सौजन्य-फेसबुक)

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