देश को संकट से उबारा, कनाडा को भी फटकारा...कहानी मनमोहन सिंह की

Amit Mandal

Sep 26, 2023

कनाडा को फटकार लगाई

खालिस्तान के मुद्दे पर भारत और कनाडा के रिश्ते लगातार बिगड़ रहे हैं। साल 2010 में डॉ मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री रहते हुए सिख अलगावदियों के मसले पर कनाडा को फटकार लगाई थी।

Credit: Social-Media

कनाडा में खालिस्तानी मसला

साल 2010 में कनाडा में जी -20 के लिए पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को कनाडा जाना था, लेकिन खालिस्तानी मसले ने तूल पकड़ लिया।

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कनाडा को दिया जवाब

कनाडा को मनमोहन ने वाशिंगटन में होने वाली न्यूक्लियर सिक्योरिटी समिट में कनाडा को जवाब देने का मौका मिला।

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एक्शन की उठाई मांग

अप्रैल 2010 में मनमोहन सिंह की मुलाकात कनाडा के पीएम स्टीफन हार्पर से हुई। मनमोहन ने साफ शब्दों में उनसे अलगाववादियों के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की।

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पीवी नरसिम्हा राव ने दिया मौका

1991 में पीवी नरसिम्हा राव देश के प्रधानमंत्री बने, उन्हें ऐसे वित्त मंत्री की जरूरत थी जिसकी घरेलू से लेकर ग्लोबल तक इकोनॉमी में अच्छी पकड़ हो।

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नरसिम्हा राव ने खुद किया फोन

उनके भरोसेमंद पीसी एलेक्जेंडर ने मनमोहन सिंह का नाम सुझाया। शपथग्रहण से ठीक एक दिन पहले मनमोहन को वित्त मंत्री बनने का ऑफर मिला। फिर तीन घंटे पहले नरसिम्हाराव ने भी उन्हें फोन किया।

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बजट से पीवी नरसिम्हा राव नाखुश

मनमोहन ने बजट से पहले जो ड्राफ्ट पेश किया उससे नरसिम्हाराव नाराज हो गए। मनमोहन ने पुराने समाजवादी ढर्रे पर ही बजट मसौदा तैयार किया था।

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तब पेश किया ऐतिहासिक बजट

इसे खारिज करते हुए नरसिम्हाराव ने कहा कि क्या मैंने इसीलिए आपको चुना था। इसके बाद मनमोहन सिंह ने ऐतिहासिक बजट पेश किया जिसने देश की तकदीर बदल दी।

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दुनिया के लिए खोल दिए दरवाजे

इसमें भारतीय इकोनॉमी के दरवाजे दुनिया के लिए खोल दिए गए, लाइसेंस राज का खात्मा किया गया।

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