Jun 11, 2023
इतिहास की किताबें बताती हैं कि हीरा बाई को बेहद कम उम्र में ही उनके माता-पिता ने छोड़ दिया था और किसी बाजार में बेच दिया था।
Credit: Social-media-quora-Twitter
औरंगजेब ने बुरहानपुर में हीरा बाई को मीर खलील के दामाद के साथ देखा था और उसे पहली नजर में ही हीराबाई से प्यार हो गया था।
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बड़ी होते-होते वह मीर खलील की दासी बन गईं, जिन्हें गाने और नाचने का बहुत शौक था। हीरा बाई की आवाज बहुत सुरीली थी और उसकी खूबसूरती के लोग दीवाने थे।
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इसके बाद औरंगजेब ने हीरा बाई का नाम बदलकर उसे अपने दरबार में रख लिया था। उसने हीराबाई का नाम जैनाबादी महल रख दिया था।
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लेकिन हीरा बाई ज्यादा समय तक जिंदा नहीं रह पाई और 1654 में औरंगजेब की दुनिया से दूर हो गई थी।
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औरंगजेब की तीन और बीवियां थी लेकिन वो हीराबाई को ही सबसे अधिक चाहता था। हीराबाई की मौत का उस पर गहरा असर पड़ा था। बताते हैं कि इसके बाद वो संगीत से दूर हो गया।
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