Sep 26, 2023
चंद्रमा की सतह पर मौजूद चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को दोबारा सक्रिय करने के लिए इसरो प्रयास कर रहा है लेकिन अभी उनसे संपर्क नहीं हो पाया है।
Credit: isro
चांद पर दिन के गुजरने और उनसे संपर्क नहीं होने पर सवाल उठ रहा है कि क्या क्या रोवर और लैंडर हमेशा के लिए सो गए हैं?
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हालांकि, इसरो मायूस नहीं है। उसने कहा है कि वह पूरे 14 दिन तक लैंडर और रोवर से संपर्क करने की कोशिश करता रहेगा।
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वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि सूरज की रोशनी बढ़ने पर सोलर बैटरियां अच्छी तरह से चार्ज होंगी और वे दोनों धरती पर सिग्नल भेजने लगेंगे।
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इसरो 6 अक्टूबर 2023 तक रोवर और लैंडर के जागने का प्रतीक्षा करता रहेगा।
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इसी समय चांद पर अगला सूर्यास्त होगा और वहां अंधेरा छाने के साथ उम्मीद भी खत्म हो जाएगी।
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दरअसल, चांद पर दिन और रात धरती के 14 दिनों के बराबर होते हैं।
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भारत का चंद्रयान 3 गत 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से पर सफलतापूर्वक उतरा।
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चांद के इस हिस्से पर उतरने वाले भारत दुनिया का पहला देश बन गया।
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