Jul 19, 2023

चंद्रयान के बाद अब मिशन समुद्रयान, 'मत्स्या 6000' लिखेगा नई गाथा

Amit Mandal

​समुद्र की गहराई में खनिजों की खोज

समुद्रयान भारत का पहला मानवयुक्त महासागर मिशन है जिसका मकसद समुद्र की गहराई में जाकर शोध और दुर्लभ खनिजों का खनन करना है।

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सबमर्सिबल पनडुब्बी 'मत्स्य 6000'

इस मिशन के लिए जिस वाहन को तैयार किया जा रहा है, उसे 'मत्स्य 6000' सबमर्सिबल पनडुब्बी नाम दिया गया है।

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समुद्र में 6 किमी गहराई तक जाएंगे विशेषज्ञ

तैयार होने पर ये वाहन 3 विशेषज्ञों को समुद्र के भीतर 6 किलोमीटर की गहराई तक ले जाने में सक्षम होगा।

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29 अक्टूबर 2021 को हुई थी मिशन की शुरुआत

29 अक्टूबर 2021 को भारत ने पहले मानवयुक्त मिशन ‘समुद्रयान’ की शुरुआत की थी।

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डिजाइन हुआ पूरा

मानवयुक्त सबमर्सिबल 'मत्स्या 6000' का शुरुआती डिजाइन पूरा हो गया है। इसरो, आईआईटीएम और डीआरडीओ सहित विभिन्न संगठनों से वाहन मिलना शुरू हो गया है।

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मत्स्य-6000 टाइटेनियम के मिश्रधातु से बना

समुद्रयान पहल के तहत मत्स्य-6000 टाइटेनियम के मिश्रधातु से बना है और इसका व्यास 2.1 मीटर है।

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आपात स्थिति में 96 घंटे समुद्र की गहराई में रहेगा

यह तीन लोगों के साथ 12 घंटे तक सामान्य परिस्थितियों में और आपात स्थिति में 96 घंटे और समुद्र की गहराई में रह सकता है।

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इन खनिज संसाधनों की खोज

विशेष तकनीक से तैयार पनडुब्बी गहरे समुद्र में निकल, कोबाल्ट, दुर्लभ मृदा तत्व, मैंगनीज जैसे खनिज संसाधनों की खोज करेगी।

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