Jan 2, 2024

इस मामले में अमेरिकी सैटेलाइट को भी पीछे छोड़ दिया XpoSat

Alok Rao

साल के पहले दिन रवाना हुआ

साल के पहले दिन इसरो ने अपना एक्सपोसैट सैटेलाइट लॉन्च कर अंतरिक्ष की दुनिया में एक और छलांग लगाई।

Credit: isro

यहां पढ़ें आज की बड़ी खबरें

आकाशीय पिंड का अध्ययन

भारत का यह सैटेलाइट सितारों एवं आकाशीय पिंडो का अध्ययन करेगा। इस तरह का इसरो का यह पहला मिशन है।

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5 साल तक काम करेगा

एक्सपोसैट पांच साल तक काम करता रहेगा। यहां ब्रह्मांड के रहस्यों से जुड़ी जानकारियां इकट्ठा करेगा।

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इसरो ने फिर कीर्तिमान रचा

किफायती उपग्रह छोड़ने में माहिर बन चुका इसरो ने इस बार भी कीर्तिमान रचा है।

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250 करोड़ रु. लागत

एक्सपोसैट की लागत करीब 30 मिलियन डॉलर यानी कि 250 करोड़ रुपए है।

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अमेरिका के उपग्रह से सस्ता

इसी तरह के अमेरिकी सैटेलाइट की कीमत 188 मिलियन डॉलर आई थी।

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दो साल थी अवधि

एक्सपोसैट अंतरिक्ष में 5 वर्षों तक काम करेगा जबकि अमेरिकी सैटेलाइट की अवधि दो साल थी।

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एक साल में तीसरा बड़ा मिशन

बीते एक साल में भारत का यह तीसरा बड़ा अंतरिक्ष मिशन है।

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चंद्रयान-3 ने रचा इतिहास

गत 14 जुलाई को चंद्रयान-3 और 2 सितंबर को आदित्य एल-1 सफलतापूर्वक लॉन्च हुआ।

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