Aug 31, 2023
पृथ्वी और सूर्य के बीच L1 यानी लैग्रेंज (Lagrange) बिंदु अंतरिक्ष में वे स्थान हैं जहां भेजी गई वस्तुएं रुक जाती हैं।
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भारत का सूर्ययान आदित्य-L1 अंतरिक्ष में जिस जगह जाकर ठहरेगा वह प्वाइंट लैग्रेंज बिंदु-1 (L1) है।
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ISRO का सूर्य मिशन आदित्य L1 में 'L' का मतलब लैग्रेंज (Lagrange) होता है।
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लैग्रेंज बिंदुओं पर दो बड़े द्रव्यमानों का गुरुत्वाकर्षण खिंचाव एक छोटी वस्तु को उनके साथ चलने के लिए आवश्यक सेंट्रिपेटल बल के बराबर होता है।
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अंतरिक्ष में लैग्रेंज बिंदुओं का उपयोग अंतरिक्ष यान द्वारा स्थिति में बने रहने के लिए आवश्यक ईंधन की खपत को कम करने के लिए किया जा सकता है।
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लैग्रेंज पॉइंट अंतरिक्ष में स्थित वे स्थान हैं जहां सूर्य और पृथ्वी जैसी दो पिंड प्रणालियों के गुरुत्वाकर्षण बल आकर्षण और प्रतिकर्षण के उन्नत क्षेत्र उत्पन्न करते हैं।
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लैग्रेंज बिंदुओं का उपयोग अंतरिक्ष यान को सही स्थिति में बनाए रखने के लिए आवश्यक ईंधन की खपत को कम करने के लिए किया जा सकता है।
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लैग्रेंज पॉइंट्स का नाम इतालवी-फ्रांसीसी गणितज्ञ जोसेफी-लुई लैग्रेंज के सम्मान में रखा गया है।
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लैग्रेंज पॉइंट पर चक्कर लगाते हुए आदित्य-L1 सूर्य का अध्ययन करेगा, मतलब सूर्य की जानकारी जुटाएगा।
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धरती और सूर्य के बीच में 5 लैग्रेंज पॉइंट पड़ते हैं। इनमें से लैग्रेंज बिंदु-1 धरती से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर है।
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L1 पॉइंट के बारे में बताया जाता है कि ये ऐसी जगह है, जिसके चारों तरफ प्रभामंडल कक्षा में रहकर ग्रहण के समय में भी सूर्य को देखा जा सकता है।
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