Ayush Sinha
Dec 5, 2024
Credit: Twitter
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मिशन का उद्देश्य सटीक उड़ान का प्रदर्शन करना है और उपग्रहों के अंदर मौजूद दो अंतरिक्ष यान कोरोनाग्राफ (310 किग्रा) और ऑकुल्टर (240 किग्रा) को वांछित कक्षा स्तर पर पहुंचाने के बाद आगामी दिनों में एक साथ ‘स्टैक्ड कॉन्फ़िगरेशन’ में लाया जाएगा।
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इसरो के लिए, यह प्रक्षेपण अपने पहले मिशन- आदित्य-एल 1 के बाद सूर्य पर वैज्ञानिक प्रयोग करने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा, जिसे सितंबर 2023 में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया था।
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आदित्य-एल1 मिशन का जिक्र करते हुए ISRO चीफ एस. सोमनाथ ने कहा, 'आप सभी जानते हैं कि हमारे पास एक सौर मिशन, आदित्य-एल1 मिशन है, जो उपग्रह के साथ मिलकर काम कर रहा है। यह आने वाले दिनों में शानदार परिणाम देगा।'
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प्रोबा-3 एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन है जिसे ‘जनरल सपोर्ट टेक्नोलॉजी प्रोग्राम’ के माध्यम से वित्त पोषित किया गया है। उपग्रहों पर लगे उपकरण एक बार में छह घंटे तक सौर परिधि के करीब यात्रा करेंगे और प्रत्येक अंतरिक्ष यान पृथ्वी के चारों ओर लगभग 19 घंटे की परिक्रमा करेगा।
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