इसरो के Aditya L1 लॉन्चिंग का अहम चरण पूरा, अब 2 सितंबर का इंतजार

Amit Mandal

Aug 30, 2023

Aditya L1 लॉन्चिंग की तैयारियां

इसरो के Aditya L1 लॉन्चिंग की तैयारियां तेज हो गई हैं। व्हीकल इंटरनल चेक पूरे हो गए हैं। अब इंतजार 2 सितंबर का है जब इसरो इस अहम मिशन को अंजाम देगा।

Credit: ISRO

2 सितंबर को लॉन्चिंग

भारत के पहले सौर मिशन 'आदित्य-एल1' का दो सितंबर को पूर्वाह्न 11 बजकर 50 मिनट पर श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट से प्रक्षेपण किया जाएगा।

Credit: ISRO

पीएसएलवी-सी57 की तैयारियां तेज

ISRO ने 29 अगस्त को कहा कि आदित्य एल1 को ले जाने वाले पीएसएलवी-सी57 को श्रीहरिकोटा के दूसरे लॉन्च पैड पर ले जाया गया है।

Credit: ISRO

आदित्य-एल1 का लक्ष्य

आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान को सौर कोरोना (सूर्य की सबसे बाहरी परत) के दूरस्थ अवलोकन और एल1 (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंज बिंदु) पर सौर वायु के यथास्थान अवलोकन के लिए तैयार किया गया है।

Credit: ISRO

एल1 पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर

एल1 पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 'लैग्रेंज बिंदु' अंतरिक्ष में स्थित वे स्थान हैं, जहां सूर्य और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल आकर्षण और प्रतिकर्षण के उन्नत क्षेत्र उत्पन्न करते हैं।

Credit: ISRO

लैग्रेंज बिंदु नाम क्यों पड़ा

नासा के अनुसार, इनका उपयोग अंतरिक्ष यान द्वारा स्थिति में बने रहने के लिए आवश्यक ईंधन की खपत को कम करने के लिए किया जा सकता है। लैग्रेंज बिंदु का नाम इतालवी-फ्रांसीसी गणितज्ञ जोसेफी-लुई लैग्रेंज के सम्मान में रखा गया है।

Credit: Twitter

पीएसएलवी-सी57 रॉकेट का इस्तेमाल

सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित भारतीय वेधशाला को पीएसएलवी-सी57 रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित किया जाएगा।

Credit: ISRO

एल1 के पास की कक्षा से सूर्य का अध्ययन

आदित्य-एल1 मिशन का लक्ष्य एल1 के पास की कक्षा से सूर्य का अध्ययन करना है।

Credit: ISRO

सात पेलोड लेकर जाएगा

यह अंतरिक्ष यान सात पेलोड लेकर जाएगा, जो अलग-अलग वेव बैंड में फोटोस्फेयर (प्रकाशमंडल), क्रोमोस्फेयर (सूर्य की दिखाई देने वाली सतह से ठीक ऊपरी सतह) और सूर्य की सबसे बाहरी परत (कोरोना) का अवलोकन करने में मदद करेंगे।

Credit: ISRO

​कोरोना का तापमान लगभग 10 लाख डिग्री कैसे?

इसरो के अनुसार, वीईएलसी का लक्ष्य यह पता लगाने के लिए डेटा एकत्रित करना है कि कोरोना का तापमान लगभग दस लाख डिग्री तक कैसे पहुंच सकता है, जबकि सूर्य की सतह का तापमान 6000 डिग्री सेंटीग्रेड से थोड़ा अधिक रहता है।

Credit: ISRO

इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स

Next: PSLV और GSLV में क्या है अंतर , इन्हें से क्यों छोड़े जाते हैं सैटेलाइट

ऐसी और स्टोरीज देखें