Nov 19, 2022
इंदिरा गांधी की समाधि पर लगा यह पत्थर उनकी इच्छाशक्ति को दर्शाता है। तत्कालीन सरकार ने इंदिरा गांधी के स्मारक को शक्ति स्थल का नाम देते हुए यह आयरन ओर रॉक लगाने का फैसला किया था।
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इंदिरा गांधी की हत्या 31 अक्टूबर 1984 को उनके ही बॉडीगार्डों ने कर दी थी। जिसके बाद दिल्ली में यमुना के किनारे उनका स्मारक शक्ति स्थल के नाम से बनाया गया।
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सरकार ने जब इंदिरा गांधी के स्मारक को बनाने का फैसला किया तो उसके लिए यह भारी चट्टान ओडिशा से मंगवाया था। इसे लाने में तब काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।
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इस चट्टान का वजन 25 टन है। इसे लाने के लिए तब उस इलाके में तीन घंटे के लिए यातायात को बंद कर दिया गया था, जहां से इस चट्टान को सड़क मार्ग के जरिए स्टेशन तक लाया गया था।
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इस चट्टान को खदान से निकालने के बाद पहले सड़क मार्ग से और फिर एक स्पेशल ट्रेन से दिल्ली लाया गया था।
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