Jan 8, 2023
एक से ज्यादा बच्चों को जन्म देने के मामले को मेडिकल टर्म में मल्टीपल प्रेग्नेंसी कहा जाता है। इसमें एक प्रक्रिया के तहत जुड़वा बच्चे एक ही अंडे से पैदा हो सकते हैं।
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डॉ. बताते हैं कि दूसरी प्रक्रिया में अलग-अलग अंडे से जुड़वा बच्चे पैदा होते हैं। अलग-अलग अंडे से पैदा होने वाले बच्चे फ्रैटरनल कहलाते हैं।
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अगर महिला के परिवार में पहले से ही फ्रेटरनल ट्विन्स हैं तो इसकी संभावना बढ़ जाती है। ज्यादातर जुड़वा इसी तरह के होते हैं। वहीं जब जुड़वा बच्चे एक ही अंडे से पैदा होते हैं, तो उन्हें आइडेंटिकल बच्चे कहा जाता है।
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रिपोर्ट के अनुसार 1000 डिलिवरी पर 12 जुड़वा बच्चे पैदा हो रहे हैं। दुनिया भर में करीब 16 लाख जुड़वा बच्चे हर साल पैदा होते हैं।
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दुनिया में जुड़वा बच्चे पैदा होने का ट्रेंड काफी बढ़ गया है। यह अब 33 फीसदी बढ़ गया है।
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भारत में भी जुड़वा बच्चों का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है। जुड़वा बच्चों के मामले बढ़ने की एक प्रमुख वजह IVF जैसे आधुनिक मेडिकल तकनीकी भी है।
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सबसे ज्यादा उत्तरी अमेरिका में जुड़वा बच्चे पैदा होने की दर में इजाफा हुआ है। यहां पर 71 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
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केरल के मलप्पुरम जिले में स्थित कोडिन्ही गांव में पैदा होने वाले ज्यादातर बच्चे जुड़वा ही होते हैं।
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केरल के इस गांव में 1000 बच्चों में 42 ट्विन्स बच्चे जन्म लेते हैं। रिपोर्ट के अनुसार कोडिन्ही में करीब 550 जुड़वा बच्चे हैं।
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