Oct 5, 2023
पृथ्वी पर जीवन का आधार सूर्य है, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि सूरज का जन्म कैसे हुआ है।
Credit: NASA
सूर्य हमारे ब्रम्हांड यानि Milky Way का हिस्सा है। अरबों साल पहले अंतरिक्ष में धूल और गैस के बादल इकट्ठे हुए। ये एक-दूसरे से जुड़कर एक आकार लेने लगे।
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धीरे-धीरे ये ठोस होते गए इनमें गुरुत्वाकर्षण बल पैदा हुआ और हाइड्रोजन और हीलियम जैसी गैसों की क्रियाओं से उर्जा पैदा होने लगी। गैसों के इसी गोले को हम आज का सूर्य कहते हैं।
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लगभग 4.5 अरब साल पहले सूर्य का जन्म हुआ। सूर्य पर कोई सतह नहीं है, यह पूरा गैस का बना है। अगर सूर्य में सारी ऊर्जा खत्म हो जाए तो इसका आकार छोटा हो जाएगा।
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सूर्य में 74 % हाइड्रोजन, 24 % हीलियम और 2 % अन्य तत्व मौजूद है। हाइड्रोजन के कारण ही यह इतनी उर्जा पैदा करता है।
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दिलचस्प तथ्य है कि सूर्य का प्रकाश हमारी पृथ्वी तक पहुंचने में 8 मिनट 22 सेकंड का समय लगता है।
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नासा के मुताबिक, सूर्य किसी दूसरे ग्रह या तारे के चारों ओर नहीं बल्कि अपनी ही धूरी पर घूमता रहता है। सूर्य करीब 27 दिन में अपनी धुरी पर एक चक्कर पूरा करता है।
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हमारे सौरमंडल के 8 ग्रह सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं इसका कारण है सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल। अगर गुरुत्वाकर्षण बल नहीं हो, तो सारे ग्रह सूर्य के से दूर होकर अंतरिक्ष में इधर उधर चले जाएंगे।
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गैलीलियो ने सूर्य के काले धब्बों को देखा था जिन्हें सनस्पॉट कहा जाता है। उन्होंने अपनी दूरबीन से सूर्य को देखा तो पाया कि ये काले धब्बे हिलते हैं, गायब होते हैं और फिर लौट आते हैं।
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