सबसे ताकतवर और समृद्ध था चोल साम्राज्य, इस राजा ने जीत लिए थे कई देश

Amit Mandal

Aug 3, 2023

दक्षिण से शुरू हुआ चोलों का शासन

आज के दक्षिण भारत में चोलों के शासन की शुरुआत 300 ईसा पूर्व से मानी जाती है। उन्होंने 1279 ईसवी तक शासन किया था।

Credit: Social-Media

1600 वर्षों तक शासन किया

यह भारत का ऐसा वंश रहा जिसने लगभग 1600 वर्षों तक शासन किया।

Credit: Social-Media

पल्लव और पांड्या राजाओं का शासन

तीसरी शताब्दी के आसपास 'पल्लव' और 'पांड्या' राजाओं का शासन विस्तार ले रहा था। उस समय चोल काफी छोटे स्तर पर थे।

Credit: Social-Media

विजयालय चोल थे संस्थापक

पल्लवों और पाड्यों के बीच संघर्ष का फायदा उठाकर चोल साम्राज्य के संस्थापक 'विजयालय चोल ने कावेरी नदी के डेल्टा के पास तंजावूर में अपना कब्जा स्थापित कर लिया था।

Credit: Social-Media

तंजावूर को अपनी राजधानी बनाया

उन्होंने वहां के पल्लव राजा को हरा दिया था। विजयालय ने तंजावूर को अपनी राजधानी बनाया था।

Credit: Social-Media

पांड्या इलाकों पर कब्जा

यहीं से चोल राजवंश अस्तित्व में आया और बाद में चोल राजा पांड्या राजाओं के क्षेत्रों पर कब्जा करते गए।

Credit: Social-Media

राजराजा प्रथम ने कई देश जीते

985 ईसा पूर्व सत्ता हासिल करने वाले राजराजा प्रथम के कार्यकाल में चोल राजवंश का सबसे ज्यादा विस्तार हुआ था। उन्होंने कई देश जीते और लंबे समय तक शासन किया।

Credit: Social-Media

राजेंद्र चोल ने किया विस्तार

राजराजा प्रथम के बेटे राजेंद्र चोल थे। उनके शासन के दौरान भी इस राजवंश का काफी विस्तार हुआ था।

Credit: Social-Media

भारतीय उपमहाद्वीप के बाहर जीते देश

राजेंद्र चोल ने तिरुचिरापल्ली को अपनी राजधानी बनाया था। राजेंद्र चोल भारतीय उपमहाद्वीप के बाहर जीतने वाले चुनिंदा सम्राटों में से एक थे।

Credit: Social-Media

36 लाख वर्ग किलोमीटर में चोल साम्राज्य

उन्होंने इंडो-चाइना, थाइलैंड और इंडोनेशिया में युद्ध लड़ा था। 36 लाख वर्ग किलोमीटर में चोल साम्राज्य का शासन था। इस वंश के राजाओं ने समुद्री मार्ग को भी जीता था।

Credit: Social-Media

इन देशों में चोल साम्राज्य

जो देश आज श्रीलंका, बांग्लादेश, थाइलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर, कंबोडिया और वियतनाम के रूप में जाने जाते हैं, वहां भी चोल साम्राज्य था।

Credit: Social-Media

इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स

Next: छू मंतर हो जाएगा चंद्रयान-3 से 2100 KG वजन, जानें क्या है नया ट्विस्ट

ऐसी और स्टोरीज देखें