किशोर जोशी
Dec 20, 2022
बिहार में जहरीली शराब का मुद्दा इन दिनों छाया हुआ है। जहरीली शराब पीने से 80 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है
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बिहार में अवैध रूप देसी शराब बनाई जाती है और इसमें गुणवत्ता के मानकों का कतई ध्यान नहीं रखा जाता है
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बिहार के सारण जिले में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से हाल ही में कई लोगों की मौत हुई जो राज्य में अप्रैल 2016 से लागू पूर्ण शराबबंदी के बाद की सबसे बड़ी त्रासदी है
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अमूमन दो तरीके इस्तेमाल किए जाते हैं पहला शराब का फॉर्मूला, दूसरा उसी फॉर्मूले के हिसाब से फैक्ट्री में शराब को तैयार किया जाना ।
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कानूनी तौर पर जो शराब बनती है उसके लिए बकायदा लाइसेंस दिए जाते हैं और प्रॉपर तरीके से तैयार होकर उसकी टेस्टिंग होती है जहां पास होने के बाद वह मार्केट में आती है।
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वही देसी शराब को लेकर अक्सर हंगामा होता रहा है और कई राज्यों में इस शराब की वजह से लोगों की मौतें भी हुई है।
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देसी शराब अवैध तरीके से तैयार होती है जिसके लिए कोई तय फॉर्मूला नहीं होता है और यही लोगों की जान की दुश्मन बन जाती है।
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बिहार में जहां पूर्ण शराबबंदी है, वहां हाल ही में देसी शराब पीकर कई लोग मारे जा चुके हैं। जहरीली शराब से गुजरात में भी लोगों की मौत हो चुकी है।
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शराब बनाते समय फर्मेंटेशन औऱ डिस्टिलेशन के दौरान तापमान का नियंत्रित होना जरूरी है, वरना तापमन जरूरी होने से प्रक्रिया मिथाइल एल्कोहल पैदा करने लगती है और ये एक बेहद जहरीला केमिकल है
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