Sep 29, 2023

​​राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को 'अधनंगा फकीर' किसने और क्यों कहा?​

Ramanuj Singh

आजादी के आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी ने लिए थे कड़े फैसले

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश की आजादी के लिए अंग्रेजों को खिलाफ लड़ाई में तमिलनाडु में महत्वपूर्ण फैसले लिए थे।

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​1921 में गांधी ने अपनी शर्ट और टोपी त्याग दी थी ​

महात्मा गांधी यानी मोहनदास करमचंद गांधी ने 1921 में मदुरै में अपनी शर्ट और टोपी त्याग दी थी।

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​​खादी की धोती और एक शॉल में जिंदगी बिताने का लिया था फैसला​

दुरै में ही महात्मा गांधी ने खादी की धोती और एक शॉल के साथ जिंदगी बिताने का कठोर फैसला लिया था।

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गांधी के वस्त्र त्याग को मिला अलग अर्थ

महात्मा गांधी ने वस्त्र त्याग के अपने फैसले के साथ एक अलग अर्थ दिया।

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अर्धनग्न इंसान कहलाए

महात्मा गांधी अर्धनग्न इंसान कहलाए। यानी आधा तन ढंका इंसान।

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विंस्टन चर्चिल ने कहा था- अधनंगा फकीर

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रहे विंस्टन चर्चिल ने गांधी के कपड़ों को देखकर उन्हें अधनंगा फकीर कह डाला था।

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1920 में खादी कपड़े पहनने का लिया था फैसला

1920 में महात्मा गांधी ने खादी से बने कपड़े पहनने का फैसला किया था।

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गांधी ने किया था स्वदेशी का प्रचार

इस तरह महात्मा गांधी ने स्वदेशी कपड़ों और वस्तुओं का प्रचार शुरू किया था।

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विदेशी कपड़े भी जलाए गए थे

स्वतंत्रता आंदोलन के हिस्से के तौर पर सार्वजनिक स्थानों में विदेशी कपड़े जलाए गए थे।

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