Jul 23, 2023
हिंदुस्तान के दुश्मनों को हर मौके पर करारा जवाब देने के लिए कई हथियार हमारी सेना के पास हैं। इसी तरह भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलिकॉप्टर की ताकत पाकिस्तान और चीन का मुकाबला करने में काफी सक्षम है।
Credit: BCCL
19 देशों की सेनाएं चिनूक हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल करती हैं। इसकी खास बात ये है कि युद्ध के अलावा असैन्य कार्यों जैसे आग बुझाने और आपदा प्रबंधन में भी ये हेलिकॉप्टर माहिर है।
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चिनूक हेलिकॉप्टर में विमान की तरह एकीकृत डिजिटल कॉकपिट मैनेजमेंट सिस्टम से लैस है। इसके पास 11 टन पेलोड और 45 सैनिकों को ले जाने की क्षमता है। अमेरिकी कंपनी बोइंग ने इस हेलिकॉप्टर को तैयार किया है।
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चिनूक हेलिकॉप्टर रात में उड़ान भरने और अंधेरे में ऑपरेशन को अंजाम देने में सक्षम है। मुश्किल से मुश्किल हालात में इसकी क्षमताओं पर कोई असर नहीं पड़ता है।
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घरा कोहरा हो या फिर धुंध, किसी भी मौसम में चिनूक हेलिकॉप्टर एक्शन मोड में आने से जरा भी नहीं कतराता है। हर मौसम में इसे आसानी से ऑपरेट किया जा सकता है।
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चिनूक हेलिकॉप्टर की रफ्तार करीब 315 किलोमीटर प्रति घंटे की है। चिनूक काफी गतिशील है और इसे घनी घाटियों में भी आसानी से ला-जा सकता है।
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इस हेलिकॉप्टर से करीब 10 टन तक कार्गो ले जाया जा सकता है। आर्टिलरी बंदूकें, भारी मशीनरी और हाई अल्टीट्यूड वाले लाइट आर्मर्ड वीकल्स को लाने में इसका इस्तेमाल करते हैं।
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चिनूक का इस्तेमाल मानवीय और आपदा राहत अभियानों में भी किया जाता है। पहाड़ी क्षेत्रों में ऑपरेशन के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। राहत सामग्री पहुंचाने और बड़ी संख्या में लोगों को बचाने में भी इसका उपयोग हो सकता है।
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चिनूक की ताकत से दुश्मन देश खौफ खाते हैं। भारतीय वायुसेना की ताकत को बढ़ाने वाला चिनूक हेलीकॉप्टर बेड़े में शामिल हो चुका है। जो दुश्मनों के पसीने छुड़ाने के लिए काफी है।
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