Oct 27, 2022
पुरुष सिर पर टोकरी में पूजन सामग्री के साथ घाटों पर पहुंचते हैं जबकि कलश पर जलते दीपक के साथ व्रती नंगे पैर छठ मईया के गीत गाते हुए घाटों पर पहुंचती हैं।
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छठी मैय्या की पूजा में नारियल का बड़ा महत्व माना गया है। श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए नारियल चढ़ाया जाता है।
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कहा जाता है कि छठी मैया को केला अति प्रिय है। इसे कच्चा तोड़कर लोग घर में इसलिए पका लेते हैं ताकि इसे पशु पक्षी जूठा ना कर पाएं।
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व्रत और भोग के लिए जो पकवान तैयार होते हैं उन ठेकुआ से लेकर चावल की खीर, लडडू, चने और फल का का बड़ा हमत्व है जिनके बिना त्योहार अधूरा माना जाता है।
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4 दिन तक मनाए जाने वाला ये पर्व की महिमा काफी अधिक होती है। इस बार छठ पूजा की शुरुआत 28 अक्टूबर को हो रही है और इसका समापन 31 अक्टूबर को हो रहा है
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भोजन बनाने के समय नमक या उससे बनी किसी भी चीज का इस्तेमाल करना पूरी तरह वर्जित है। इस दौरान में शौचालय का भी इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।
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यह नींबू सामान्य नींबू से बड़े आकार का एक नींबू जो खाने में खट्टा मीठा लगता है। मोटी छाल की वजह से पशु-पक्षी इसे जूठा नहीं कर पाते हैं
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छठ पूजा के दौरान गन्ना सबसे अधिक देखा जा सकता है। गन्ने का घरनुमा आकार बनाकर पूजा होती है। इससे छठ मैय्या आनंद और समृद्धि प्रदान करती हैं।
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