चंद्रयान-3 को चंद्रमा पर अब बस इस चीज की तलाश, अगर मिल जाए तो बसेगी 'नई दुनिया'
Amit Mandal
चंद्रयान-3 का कामयाबी का सफर
इसरो का चंद्रयान-3 मिशन अब तक बेहद सफल रहा है और इसने सफल लैंडिंग के साथ जो नया इतिहास रचा वह कामयाबी के साथ आगे बढ़ रहा है।
Credit: ISRO
विक्रम-प्रज्ञान की दोस्ती
चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने पिछले 13 दिनों में एक से बढ़कर एक काम किए हैं जिससे दुनिया हैरान है। विक्रम और प्रज्ञान उम्मीदों पर खरा उतरे हैं।
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इसरो को भेजे अहम डेटा
प्रज्ञान ने चांद की सतह पर 100 मीटर की दूरी तय की और जबरदस्त डेटा इसरो को भेजे। इस दौरान रोवर ने कई चीजें ढूंढी जो भविष्य के लिए बेहद अहम साबित होंगी।
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सल्फर-ऑक्सीजन सहित ये तत्व मिले
दक्षिणी ध्रुव में चंद्रमा की सतह पर प्रज्ञान ने सल्फर, एल्यूमीनियम, कैल्शियम, लोहा, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैंगनीज, ऑक्सीजन और सिलिकॉन की मौजूदगी की पुष्टि की है।
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हाइड्रोजन की तलाश
लेकिन अभी तक वह नहीं मिल पाया है जिसकी इसरो को शिद्दत से तलाश है। ये है हाइड्रोजन जिसके आधार पर ही तय होगा कि क्या चांद पर मानव बस सकते हैं।
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तो बस जाएगी नई दुनिया
अगर चंद्रयान 3 को हाइड्रोजन मिल जाता है, जिसकी वह खोज कर रहा है, तो यह चंद्रमा पर पानी की खोज में एक कदम आगे होगा। ---6
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चंद्रयान-3 का सबसे बड़ा लक्ष्य
अगर यहां पानी मिल जाए तो चंद्रमा पर नई दुनिया बसने का रास्ता साफ हो सकता है। चंद्रयान-3 का सबसे बड़ा मकसद भी यही है।
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मनुष्यों के बसने की संभावना
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने पहले कहा था कि दक्षिणी ध्रुव में सूरज की कम रोशनी पड़ती है और इसमें मनुष्यों के यहां बसने की संभावना हो सकती है।
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23 अगस्त को सॉफ्ट-लैंडिंग
बता दें कि चंद्रयान 3 ने 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट-लैंडिंग की थी। कोई भी अन्य देश चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट-लैंडिंग नहीं कर पाया है।