ISRO ने जो सोचा भी न था, विक्रम लैंडर ने चंद्रमा पर कर दिया था वो काम
Amit Mandal
चंद्रयान-3 मिशन उद्देश्य से आगे निकला
विक्रम लैंडर का चंद्रमा पर हॉप प्रयोग पूरी तरह अनियोजित था और यह मिशन के उद्देश्यों से आगे निकल गया। इसकी इसरो को भी उम्मीद नहीं थी।
Credit: ISRO
14 दिन तक दिए ढेर सारे डाटा
चंद्रयान-3 के परियोजना निदेशक पी वीरमुथुवेल ने मंगलवार को ये अहम खुलासा किया। उन्होंने कहा कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा की सतह पर 14 दिनों के शोध और प्रयोग के दौरान ढेर सारा डेटा दिया।
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खुद किया सफल हॉप टेस्ट
आगे पता चला कि हॉप वातावरण के दौरान लैंडर ने कमांड पर अपने इंजन चालू किए और उम्मीद के मुताबिक खुद को लगभग 40 सेंटीमीटर ऊपर उठाया और उतरा। हॉप टेस्ट 4 सितंबर को हुआ था।
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चंद्रयान-3 की क्षमता को दर्शाया
चंद्रयान-3 परियोजना निदेशक के अनुसार, यह हॉप परीक्षण चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह से ऊपर उठने की क्षमता को दर्शाता है।
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भविष्य का मिशन तैयार होने में मदद
सफल हॉप टेस्ट का अर्थ यह है कि एक भविष्य का मिशन विकसित किया जा सकता है जो चंद्रमा की सतह से नमूने भारत वापस ला सकता है।
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लैंडर, रोवर से कोई प्रतिक्रिया नहीं
इसरो को उम्मीद थी कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर चंद्र रात के पिछले चक्र से बच सकते थे। हालांकि, दोनों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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उम्मीदें लगभग खत्म
एक महीने पहले मिशन के समाप्त होने के बाद लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को दोबारा जीवित करने के सभी प्रयास लगभग खत्म हो चुके हैं।
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सूरज की रोशनी फिर हुई कम
30 सितंबर को शिव शक्ति प्वाइंट (वह बिंदु जहां चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग की थी) पर सूरज की रोशनी अब फिर से कम होने लगी है।
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