Aug 22, 2023
इसरो के LVM3 M4 ने चंद्रयान-3 को उसकी निर्धारित कक्षा में लॉन्च किया।
Credit: ISRO
मिशन की पहली कक्षा बढ़ाने की प्रक्रिया बेंगलुरु में सफल रही। अंतरिक्ष यान 41762 किमी x 173 किमी की कक्षा में पहुंचा।
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दूसरे कक्षा-उत्थान प्रक्रिया (orbit-raising manoeuvre) ने चंद्रयान -3 को 41603 किमी x 226 किमी की कक्षा में स्थापित किया।
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22 जुलाईअंतरिक्ष यान को 71351 किमी x 233 किमी की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया।
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एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया में चंद्रयान-3 ने 288 किमी x 369328 किमी की कक्षा के साथ ट्रांसलूनर कक्षा में प्रवेश किया।
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लैंडिंग मॉड्यूल, जिसमें विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर शामिल थे, को इसके प्रणोदन प्रणाली से अलग कर दिया गया।
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अंतरिक्ष यान ने सफलतापूर्वक 'डीबूस्टिंग' ऑपरेशन पूरा किया जिससे इसकी कक्षा 113 किमी x 157 किमी तक कम हो गई।
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चंद्रयान-3 ने दूसरा और अंतिम डीबूस्टिंग ऑपरेशन किया और एलएम कक्षा को घटाकर 25 किमी x 134 किमी कर दिया।
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चंद्रयान 3 में ही विक्रम लैंडर मौजूद है जिसकी मदद से प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर उतरेगा। देशवासियों को 23 अगस्त का इंतजार है। इसी दिन चंद्रयान 3 चंद्रमा की सतह पर उतरेगा।
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