Jul 28, 2023
जालौर के पराक्रमी राजा कान्हड़देव ने अलाउद्दीन खिलजी की सेना को युद्ध के मैदान पर दो-दो बार धूल चटाई थी। क्या आपको मालूम है कि खिलजी की बेटी एक हिंदू पर मर मिटी थी।
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जालौर के राजा कान्हड़देव के बेटे राजकुमार वीरमदेव की सुंदरता के काफी चर्चे थे। खिलजी के दरबार में जब बातें होने लगीं तो उसकी बेटी फिरोजा ने उसके बार में सुन लिया।
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कहा जाता है कि कान्हड़देव के बेटे के बारे में सुनकर खिलजी की बेटी को उससे लगाव हो गया। मन ही मन वीरमदेव को वो अपना सबकुछ मान बैठी और यहीं से शुरू हुई असल जंग।
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अलाउद्दीन खिलजी की बेटी फिरोजा ने अपने पिता से जिद करनी शुरू कर दी। जिसके बाद खिलजी ने राजा कान्हड़देव के पास राजकुमार वीरमदेव से अपनी बेटी के निकाह का प्रस्ताव भेजा।
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राजा कान्हड़देव ने खिलजी के इस प्रस्ताव को बिना देर किए ठुकरा दिया। कान्हड़देव के इस कदम से अलाउद्दीन खिलजी आग बबूला हो उठा और उसने युद्ध का मन बना लिया।
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बौखलाए खिलजी ने अपनी सेना को जालौर की सीमाओं को घेरने का आदेश दिया। बेटी की मोहब्बत को ठुकराए जाने के कुछ दिनों बाद उसने अपने सेनापति नहर मलिक को हमले के लिए भेजा।
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कान्हड़देव की राजपूत सेना के पराक्रमियों के आगे खिलजी की सेना का कोई योद्धा टिक नही पाया। इस युद्ध में खिलजी का सेनापति नहर मलिक मारा गया।
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खिलजी के सेनापति ने एक बार फिर वीरमदेव के सामने शादी का प्रस्ताव रखा। जिसे उन्होंने ठुकरा दिया और कहा, मैं इस लड़की से उसी प्रकार विवाह नहीं कर सकता जिस प्रकार सूर्य पश्चिम से नहीं उग सकता।
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खिलजी के सेनापति ने एक बार फिर वीरमदेव के सामने शादी का प्रस्ताव रखा। जिसे उन्होंने ठुकरा दिया और कहा, मैं इस लड़की से उसी प्रकार विवाह नहीं कर सकता जिस प्रकार सूर्य पश्चिम से नहीं उग सकता।
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