Oct 15, 2023

मुगल बादशाह अकबर के थे 9 नवरत्न, जानिए उनमें कितने थे हिंदू

Ramanuj Singh

​अबुल फजल​

अबुल फजल का पूरा नाम अबुल फजल इब्न मुबारक था। इनका जन्म 14 जनवरी 1551 में हुआ था। अबुल फजल ने अकबरनामा एवं आइने अकबरी जैसे प्रसिद्ध पुस्तक की रचना की। अबुल फजल अकबर के नवरत्नों में से एक रत्न थे।

Credit: wikipedia/wikimedia

​फैजी

अबुल फजल का बड़ा भाई फैजी बादशाह अकबर के दरबार में राजकवि के पर आसीन थे। वे मध्यकालीन भारत के फारसी कवि थे। सम्राट अकबर ने उसे अपने बेटे के गणित शिक्षक के पद पर नियुक्त किया था। बाद में अकबर ने उसे अपने नवरत्नों में से एक चुना था। इनका जन्म 1547 में हुआ था।

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​तानसेन

तानसेन या रामतनु पांडेय हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के एक महान ज्ञाता थे। उन्हे सम्राट अकबर के नवरत्नों में भी गिना जाता है। उनका जन्म 1506 में ग्वालियर में ब्राह्मण परिवार में हुआ था।

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​बीरबल

महेश दास जो बीरबल के नाम से अधिक प्रसिद्ध हैं। मुगल बादशाह अकबर के दरबार में प्रमुख वजीर और अकबर के परिषद के नौ नवरत्नोंमें से एक थे। उनका जन्म महर्षि कवि के वंशज भट्ट ब्राह्मण परिवार में हुआ था वह बचपन से ही तीव्र बुद्धि के थे। उनका जन्म 1528 ईसवी में हुआ था।

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​टोडरमल​

टोडरमल अकबर के नवरत्नों में से थे। टोडरमल का जन्म लहरपुर में हुआ था यह उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में स्थित था। अकबर के समय से प्रारंभ हुई भूमि पैमाइश का आयोजन टोडरमल के द्वारा ही किया गया था। इतिहासकारों के मतानुसार टोडरमल कायस्थ,खत्री या अग्रवाल थे।

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​राजा मान सिंह

राजा मान सिंह जी आमेर राज्य के सूर्यवंशी कच्छवाहा राजपूत राजा थे। वह अकबर की सेना के प्रधान सेनापति थे। उन्होने राजधानी आमेर के आमेर किले के मुख्य महलों का निर्माण करवाया। वह अकबर के नवरत्नों में से एक थे। उनका जन्म 1550 में हुआ था।

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​अब्दुल रहीम खान ए खाना​

अब्दुल रहीमखान ए खाना या रहीम, एक मध्यकालीन कवि, सेनापति, प्रशासक, आश्रयदाता, दानवीर, कूटनीतिज्ञ, बहुभाषाविद, कलाप्रेमी, एवं विद्वान थे। वे अकबर के नवरत्नों में से थे। उनका जन्म 1556 में हुआ था।

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​फकीर अजीउद्दीन​

फकीर अजीउद्दीन एक सूफी फकीर और अकबर के एक प्रमुख सलाहकार थे। वे एक चिकित्सक भी थे।

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​मुल्ला दो प्याजा

मुल्ला दो-प्याजा मुगल बादशाह अकबर के सलाहकार और वजीर थे। उन्हें बुद्धिमान भी माना जाता है बीरबल का प्रतिद्वंद्वी था। अधिकांश विद्वान इन्हें पूर्णतः काल्पनिक मानते हैं। विद्वान उन्हें मुगलों के वफादार सेनापति बैरम खान का पुत्र मानते हैं।

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