किशोर जोशी
Dec 23, 2022
महाराष्ट्र के सोलापुर में 50 कुंवारे लड़के दूल्हे की पोशाक में घोड़ी पर चढ़कर और बैंड, बाजा, बारात के साथ बुधवार को कलेक्टर ऑफिस पहुँच गए।
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50 दूल्हों के इस पूरे जुलूस के आयोजन का मकसद स्थानीय संगठन ‘दुल्हन मोर्चा’ द्वारा स्त्री-पुरुष के बिगड़ते अनुपात के बारे में अधिकारियों को जागरूक करना था।
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दूल्हे बने कुंवारों का कहना था कि योग्य अविवाहितों को वधू नहीं मिलने की वर्तमान स्थिति भी विषम स्त्री-पुरुष अनुपात के कारण है।
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राज्य में स्त्री-पुरुष अनुपात में सुधार के लिए प्री-कंसेप्शन एंड प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक्स (PCPNDT) एक्ट को सख्ती से लागू करने की माँग को लेकर सभी ने डीएम को ज्ञापन सौंपा।
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दरअसल सोलापुर सहित इसके नजदीक के जिलों के ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में कुंवारों को दुल्हन नहीं मिल रही और और शादी के लिए इनकी उम्र निकली जा रही है।
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ज्योति क्रांति परिषद के अध्यक्ष रमेश बारस्कर ने बताया, 'महाराष्ट्र में लिंगानुपात के असंतुलन को उजागर करने के लिए जुलूस का नाम 'दुल्हन मोर्चा' रखा गया था। '
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शादी की माँग को लेकर पहुंचे कई दुल्हों ने शेरवानी तो कइयों ने कुर्ता-पायजामा पहना था और गले में तख्तियाँ भी लटकाई हुई थी।
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मार्च में हिस्सा लेने वाले 40 वर्षीय एक शख्स ने बताया कि उनका परिवार लगभग 20 सालों से उनके लिए दुल्हन खोज रहा है, लेकिन लड़की नहीं मिल रही है।
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ये कुंवारे दूल्हे अब मुंबई में ऐसे कुंवारे लोगों के लिए एक राज्य-स्तरीय मोर्चा बनाने की योजना बना रहे हैं।
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