चंद्रयान-3 लैंडिंग: 'खौफ के 15 मिनट' में होगी Vikram की अग्निपरीक्षा
Amit Mandal
चंद्रयान-3 के चांद पर उतरने की घड़ी
चंद्रयान-3 के चांद पर उतरने की घड़ी करीब आ गई है। विक्रम लैंडर को आज (23 अगस्त) शाम 6:04 बजे चंद्रमा की सतर पर लैंड कराया जाएगा।
Credit: ISRO
25 किमी. की ऊंचाई से लैंडिंग
लैंडर को 25 किमी की ऊंचाई से सॉफ्ट लैंड कराने की कोशिश की जाएगी। इस प्रक्रिया में 15 से17 मिनट लगेंगे।
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खौफ के 15 मिनट
इस अवधि को 'खौफ के 15 मिनट' यानि '15 मिनिट्स ऑफ टेरर' (15 Minutes Of Terror) कहा जाता है।
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...तब पहला देश बना जाएगा भारत
अगर भारत का चंद्रयान-3 मिशन सफल रहता है तो वो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन जाएगा।
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चांद से 25 किमी. दूर है विक्रम लैंडर
लैंडर की चंद्रमा से न्यूनतम दूरी 25 किमी और अधिकतम दूरी 134 किलोमीटर रह गई है। इसी दूरी से चंद्रयान 3 को चांद की सतह पर लैंड कराने की कोशिश की जाएगी।
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चार फेज होंगे
इस लैंडिंग के चार फेज होंगे और इसी से तय होगा कि विक्रम लैंडर सफलता से उतरता है या नहीं।
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रफ ब्रेकिंग फेज
यह फेज 690 सेकेंड का होगा। इस दौरान विक्रम के सभी सेंसर्स कैलिबरेट होंगे। इस दौरान लैंडर लैंडिंग साइट से 750 किमी. दूर होगा और गति 1.6 किमी/से. होगी।
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ऑल्टिट्यूड होल्ड फेज
विक्रम लैंडर चांद की सतह की फोटो खींचेगा और पहले से मौजूद फोटोज के साथ इसकी तुलना करेगा। चंद्रयान-2 के समय यह फेज 38 सेकेंड का था अब 10 सेकेंड का होगा।
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फाइन ब्रेकिंग फेज
यह फेज 175 सेकेंड तक चलेगा इसमें स्पीड 0 पर पहुंच जाएगी। विक्रम लैंडर की पोजीशन अब वर्टिकल हो जाएगी। सतह से ऊंचाई 800 मीटर से 1300 मीटर के बीच होगी। विक्रम के सेंसर चालू किए जाएंगे और ऊंचाई नापी जाएगी।
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टर्मिनल डिसेंट फेज
अगले 131 सेकेंड में लैंडर सतह से 150 मीटर ऊपर आ जाएगा। लैंडर पर लगा हैजार्ड डिटेक्शन कैमरा चंद्रमा के सतह की तस्वीरें खींचेगा।स्थिति ठीक रही तो विक्रम 73 सेकेंड में चांद पर उतर जाएगा।
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