Mar 12, 2023
देश में दिल से जुड़ी बीमारियों के चलते पिछले कुछ सालों में मौत के मामले बड़ी संख्या में सामने आए हैं। चलते-बैठते और नाचते-गाते लोग दिल के दौरे के शिकार हुए, जिनमें कई की जान भी गई।
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इसी मसले पर पीटीआई-भाषा को हृदय रोग विशेषज्ञ और नोएडा के फोर्टिस अस्पताल के हृदय विज्ञान (कार्डियक साइंस) विभाग के अध्यक्ष डॉ. अजय कौल ने अहम बातें बताईं।
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उन्होंने कहा- आज से करीब 30-40 साल पहले दिल का दौरा पड़ने की घटनाएं बहुत कम होती थीं। अब धीरे-धीरे बहुत सारी चीजें बदल गई हैं। इस वजह से लोगों की आदतों में भी काफी बदलाव आया है।
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उनके मुताबिक, "धूम्रपान, शराब का सेवन, मधुमेह और रक्तचाप की बीमारी के साथ-साथ तनाव बहुत आम हो गया है। इन सभी वजहों से दिल का दौरा पड़ने की घटनाएं बढ़ी हैं।"
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वह आगे बोले- पहले 60-65 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ता था, लेकिन हाल के कुछ सालों में देखा गया है कि अब तो 20-22 वर्ष से लेकर 35-40 वर्ष की उम्र तक के लोगों के साथ भी ऐसा हो रहा है।
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आमतौर पर हम हृदय जांच नहीं कराते। हमें हृदय जांच भी करानी चाहिए, ताकि पता चले कि कोई समस्या तो नहीं है।
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बकौल डॉ.कौल, "अगर आपको दिल संबंधी समस्या है तो ऐसे मरीजों को भारी व्यायाम नहीं करना चाहिए। तनाव नहीं लेना चाहिए, खानपान और दिनचर्या का बहुत ख्याल रखना चाहिए।"
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वह आगे बोले- अगर आपका दिल सामान्य है तो तो आप किसी भी स्तर का तनाव ले सकते हैं, लेकिन आपको अगर छोटी-मोटी भी समस्या है तो आप एक स्तर से ज्यादा तनाव नहीं ले सकते हैं।
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दिल का दौरा पड़ने के तीन सबसे बड़े कारण मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल और उच्च रक्तचाप हैं।
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