Jan 10, 2024
पीरियड्स के दौरान महिलाओं को रसोई में जाना, अचार छूना, पूजा-पाठ करना या मंदिर जाने जैसे कई सारे काम करने की मनाही होती है।
Credit: canva
आपके मन में भी यह सवाल उठता होगा कि आखिर ऐसा क्यों होता है। आइए जानते हैं कि इसके पीछे क्या कारण हैं।
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हिंदू धर्म में भी ऐसी मान्यता है कि पीरियड्स के दौरान महिला अगर तुलसी में जल डाल दे तो तुलसी का पौधा सूख जाता है।
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पीरियड्स के दिनों में पूजा न करने का चलन नया नहीं है बल्कि सालों से ही महिलाओं को इसके लिए मनाही है। एक्सपर्ट ने हमें बताया कि पूजा न करने का संबंध अशुद्धि से नहीं है।
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दरअसल, इस समय महिलाओं के शरीर में ऊर्जा का संचार अधिक होता है। इस ऊर्जा को भगवान सहन नहीं कर पाते। इसलिए पीरियड्स के दौरान पूजा-पाठ करना या मंदिर जाना वर्जित है।
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कई महिलाओं को 7 दिनों तक भी पीरियड्स होते हैं। ऐसी स्थिति में भी आप 5वें दिन बालों को धोकर पूजा-पाठ के में शामिल हो सकती हैं।
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अगर आपको किसी व्रत के दौरान पीरियड्स आ जाएं तो ऐसी स्थिति में व्रत को अधूरा न छोड़ें। आप किसी और से भी पूजा करवा सकती हैं।
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प्राचीन काल में मंत्रोच्चार और अनुष्ठान के बिना पूजा नहीं अधूरी मानी जाती थी। इसमें बहुत समय लगता था।
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पीरियड्स के दौरान महिलाओं को इतनी देर बैठकर पूजा-पाठ व अनुष्ठान करने में समस्याओं का सामना न करना पड़े इसके लिए उन्हें इन पांच दिनों तक पूजा-पाठ से दूर रखा जाता था।
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