Sep 25, 2023
हर साल की तरह इस साल भी 25 सितंबर यानी आज दुनिया भर में विश्व फार्मासिस्ट डे मनाया जा रहा है।
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दरअसल, साल 1912 में इस फेडरेशन काउंसिल की स्थापना की गई थी।
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जिसके बाद साल 2009 में इस्तांबुल, तुर्की में वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ फार्मेसी एंड फार्मास्युटिकल साइंसेज में, इंटरनेशनल फार्मास्युटिकल फेडरेशन (एफआईपी) काउंसिल ने दिन को मनाने का एलान किया।
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विश्व फार्मासिस्ट दिवस मनाने का मकसद फार्मासिस्ट की अहम भूमिका को उजागर करना और चिकित्सा पेशेवरों को सम्मानित करना है।
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मरीजों को सही सलाह देने से लेकर उनका सही इलाज करने तक और उनके लिए दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने तक, फार्मासिस्ट समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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सही इलाज के लिए सही दवाओं का होना बेहद जरूरी है। लेकिन आज के समय में दवाएं भी इतनी महंगी है जिसके कारण कई लोग इलाज नहीं करा पाते हैं।
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लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि दुनिया में सबसे महंगी दवा कितने की आती है।
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हेमजेनिक्स नाम की दवा दुनिया की सबसे महंगी दवा है। इसकी एक डोज़ की क़ीमत 35 लाख डॉलर (क़रीब 28.84 करोड़ रुपये) है।
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यह एक जीन थेरेपी है जो 'हीमोफ़ीलिया बी' बीमारी के इलाज़ के लिए दी जाती है।
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