Apr 12, 2023
मार्केट में इन दिनों कई तरह के फ्लेवर वाला पानी मिलता है, जिसे बच्चे से लेकर जवान तक सभी चाव से पानी और जूस के अल्टरनेटिव के तौर पर पिया करते हैं।
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बोतल वाला फ्लेवर्ड पानी और स्पार्कलिंग वाटर दोनों में ही कुछ हद तक सेहत को नुकसान पहुंचाने वाले तत्व मौजूद होते हैं।
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फल, मिंट, नींबू आदि के स्वाद वाले पानी में डाय, स्वीटनर्स समेत कई तरह के एडेड प्रीजर्वेटिव्स मौजूद होते हैं।
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फ्लेवर्ड पानी में शक्कर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जो नेचुरल शुगर नहीं होती है। यही शक्कर सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है, इससे डायबिटीज, कैंसर और अन्य क्रोनिक बीमारियां हो सकती हैं।
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कई सारी फ्लेवर्ड ड्रिंक्स एसी होती है, जिनमें नेचुरल फलों का रंग और स्वाद नहीं बल्कि आर्टिफिशियल फुड कलर और टेस्ट डाला जाता है।
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अत्यधिक शक्कर और एडेड प्रीजर्वेटिव्स और फ्लवेर वाला ये पानी वजन बढ़ाने यानी कि मोटापे का शिकार बनाने में मुख्य कारक हो सकता है।
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फ्लेवर वाला पानी या स्पार्कलिंग पानी बहुत अत्यधिक मात्रा में पीने से दांत में दर्द, सड़न, सूजन समेत कई तरह की गंभीर दिक्कत हो सकती है।
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फ्लेवर वाले पानी में प्रोपीलीन ग्लाइकोल नाम का कलर और फ्लेवर होता है, जिसके सेवन से किडनी खराब होने की रिस्क बढ़ जाती है।
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कई तरह के फुड कलर और फ्लेवर्स में एलर्जी पैदा करने की क्षमता होती है, साथ ही इन ड्रिंक्स में ऐसे बहुत से पदार्थ हो सकते हैं, जिससे आप पहले ही एलर्जिक हो।
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